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केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) के सचिव अमित खरे ने शुक्रवार को जेएनयू के कुलपति व छात्रसंघ के नेताओं के साथ दो अलग-अलग बैठकें कीं। बैठकों के दौरान निर्णय लिया गया कि फिलहाल जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में बढ़ी हुई फीस नहीं वसूली जाएगी। बढ़ी हुई फीस का भुगतान राष्ट्रीय विश्वविद्यालय अनुदान आयोग(यूजीसी) करेगा।
एमएचआरडी के सचिव अमित खरे ने बताया कि बढ़ी हुई फीस के अलावा छात्रों से फिलहाल हॉस्टल के चाजेर्स भी नहीं लिए जाएंगे। खरे ने राष्ट्रीय विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के चेयरमैन डॉ. डी.पी. सिंह से भी मुलाकात की, और बढ़ी हुई फीस तथा हॉस्टल चाजेर्स का भार यूजीसी से वहन करने का उन्होंने आग्रह किया। मंत्रालय के इस आग्रह को यूजीसी ने स्वीकार कर लिया है। एमएचआरडी सचिव ने कहा कि उन्होंने शुक्रवार को यहां मंत्रालय में आई जेएनयू छात्रसंघ की अध्यक्ष आइषी घोष और अन्य छात्रों को यह जानकारी दे दी है। खरे ने छात्रों से हड़ताल समाप्त कर उन्हें कक्षाओं में लौटने का आग्रह भी किया।
उल्लेखनीय है कि जेएनयू के कुलपति एम. जगदीश कुमार, जेएनयू के रजिस्ट्रार व रेक्टर खरे से मिलने शुक्रवार सुबह 11:30 बजे एमएचआरडी पहुंचे। जेएनयू प्रशासन ने मंत्रालय को बताया कि उनकी ओर से विश्वविद्यालय में हालात सामान्य करने की कोशिश की जा रही है, लेकिन अभी भी कई छात्र फीस वृद्धि वापस लिए जाने की मांग पर अड़े हैं। खासतौर पर छात्रसंघ फीस वृद्धि वापस लिए बिना अपनी हड़ताल समाप्त करने को राजी नहीं है।
बैठक के उपरांत जेएनयू के कुलपति ने कहा, “विश्वविद्यालय में शांति है। हम अब शैक्षणिक गतिविधियों को शुरू करने का प्रयास कर रहे हैं। जेएनयू प्रशासन प्रत्येक छात्र की मदद के लिए उपलब्ध है और अब छात्रों को भी अपने सबसे बड़े उद्देश्य (शिक्षा) के लिए आगे आना चाहिए।” इसके साथ ही कुलपति ने कहा कि आवश्यकता होने पर शीतकालीन सत्र के लिए रजिस्ट्रेशन की तारीख आगे बढ़ाई जा सकती है। उन्होंने बताया कि उन्होंने यूजीसी द्वारा फिलहाल बढ़ी हुई फीस वहन करने की जानकारी छात्रों को दी है।
इसके उपरांत अपराह्न 3:30 बजे जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष आइषी घोष और अन्य छात्र अमित खरे से मुलाकात के लिए एमएचआरडी पहुंचे। मंत्रालय की ओर से छात्रों को बताया गया कि किसी भी छात्र पर बढ़ी हुई फीस का अतिरिक्त बोझ नहीं आएगा। फिलहाल इस बढ़ी हुई फीस का भार यूजीसी वहन करेगा। लेकिन छात्रों ने कहा, “मौजूदा सत्र में तो बढ़ी हुई फीस और हॉस्टल चाजेर्स यूजीसी वहन करेगा, लेकिन उसके बाद नए सत्रों में फिर से फीस बढ़ोतरी छात्रों पर लाद दी जाएगी।”आइषी घोष सहित छात्रसंघ के अन्य नेताओं ने कहा कि सरकार व जेएनयू प्रशासन फीस वृद्धि का फैसला पूरी तरह वापस ले।