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नई दिल्ली: विनिवेश की कतार में लगी सार्वजनिक क्षेत्र की एयर इंडिया ने अतिविशिष्ट व्यक्तियों के वास्ते लिए जाने वाले दो बोइंग विमानों में बदलाव के लिए 1,100 करोड़ रुपये के कर्ज की मांग की है. एक आधिकारिक दस्तावेज में यह जानकारी दी गई है. एयर इंडिया को ये विमान बोइंग 777-300 ईआर जनवरी, 2018 में प्राप्त होने हैं. इन विमानों के आंतरिक साज-सज्जा में बदलाव पर आने वाली लागत 18 करोड़ डॉलर आंकी गई है. मौजूदा विनिमय दर पर यह लागत 1,160 करोड़ रुपये होगी. इन दोनों विमानों का उपयोग राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की यात्राओं में किया जाएगा.
एक निविदा दस्तावेज में एयर इंडिया ने कहा है कि वह इन विमानों में किए जाने वाले सुधार कार्यों के लिए 18 करोड़ डॉलर का ब्रिज लोन लेना चाहेगी. गत सप्ताहांत जारी इस दस्तावेज में कहा गया है, ‘भारत सरकार ने यह संकेत दिया है कि वह दो बी777-300 ईआर विमान में होने वाले बदलावों पर आने वाली लागत के वित्त पोषण के लिए गारंटी दे सकती है, यह गारंटी 12 महीने अथवा उससे कम अवधि के लिए हो सकती है.’ यह प्रस्तावित ऋण जनवरी से अप्रैल, 2018 के दौरान लिया जाएगा. इसमें 13.5 करोड़ डॉलर की पहली किस्त अगले महीने ले ली जाएगी, जबकि शेष राशि को फरवरी, मार्च और अप्रैल में प्रत्येक माह डेढ़ करोड़ डॉलर की राशि ली जाएगी.
एयर इंडिया के अधिकारियों ने पिछले महीने कहा था कि जरूरी सुधार के बाद दोनों विमानों को राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को ले जाने वाले विमानों के बेड़े में शामिल किया जाएगा.