केरल में कोरोना वायरस ‘राज्य आपदा’ घोषित, संक्रमण को लेकर केंद्रीय मंत्रिसमूह ने की आपात बैठक

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Photo by PTI

तिरुवनंतपुरम : केरल में तीसरे छात्र के घातक कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि के बाद सरकार ने इस बीमारी को राज्य आपदा घोषित कर दिया है. राज्य की स्वास्थ्य मंत्री के के शैलजा ने पत्रकारों को बताया कि सरकार ने कोरोना वायरस को ‘राज्य आपदा’ घोषित कर दिया है ताकि इस महामारी को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाएं जाएं.

इस बाबत निर्णय मुख्य सचिव टॉम जोस की अध्यक्षता वाली राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की शीर्ष समिति की बैठक में लिया गया. इस बीच देश में घातक कोरोना वायरस संक्रमण को काबू में करने के लिए तैयारियों की समीक्षा, निगरानी और मूल्यांकन के लिए गठित एक मंत्रिसमूह की सोमवार को पहली बैठक हुई.

मंत्रिसमूह में केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन, हरदीप पुरी, एस जयशंकर, जी किशन रेड्डी, अश्विनी कुमार चौबे और मनसुख लाल मंडाविया शामिल हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि मंत्रियों को कोरोना वायरस के तीन पुष्ट मामलों के बारे में जानकारी दी गई जो केरल से सामने आये हैं.

साथ ही मंत्रियों को कोरोना वायरस संक्रमण को काबू में करने के लिए उठाये गए कदमों के बारे में भी अवगत कराया गया. मंत्रिसमूह ने चीनी यात्रियों और पड़ोसी देश में रह रहे विदेशियों के लिए ई..वीजा सुविधा निलंबित करने की सरकार द्वारा की गई घोषणा और जारी ताजा परामर्श पर गौर किया जिसमें कहा गया है कि 15 जनवरी से जिस किसी का भी चीन की यात्रा का इतिहास है उसे पृथक इकाई में रखा जा सकता है.

मंत्रालय ने कहा, ‘चीनी पासपोर्ट धारियों के लिए ई..वीजा सुविधा अस्थायी तौर पर निलंबित कर दी गई है, चीनी नागरिकों को पहले ही जारी कर दी गई ई..वीजा अस्थायी तौर पर वैध नहीं है और चीन से भौतिक वीजा के लिए आनलाइन अर्जी देने की सुविधा निलंबित कर दी गई है.

मंत्रालय ने कहा कि मंत्रियों को यह भी बताया गया कि वुहान से निकाले गए 645 लोगों को राजधानी दिल्ली और इसके आसपास सेना और आईटीबीपी द्वारा स्थापित पृथक देखभाल केंद्रों में भर्ती किया गया है. सभी की दैनिक आधार पर चिकित्सकीय जांच की जा रही है, हालांकि उनमें से किसी की भी जांच रिपोर्ट कोरोना वायरस संक्रमण के लिए सकारात्मक नहीं आयी है.

मंत्रालय ने साथ ही लोगों को सलाह दी कि जिन लोगों के लिए भारत की यात्रा करना बेहद जरूरी है उन्हें बीजिंग में भारतीय दूतावास या शंघाई अथवा गुआंगझोऊ स्थित वाणिज्य दूतावास से सम्पर्क करना चाहिए. उड्डयन मंत्रालय ने भी चीन से संचालित होने वाली सभी राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय एयरलाइंस से उपरोक्त यात्रा परामर्श का अनुपालन करने का निर्देश जारी किया है.

मंत्रिसमूह को जानकारी दी गई कि सोमवार तक, 593 उड़ानों के 72,353 यात्रियों की संक्रमण के लिए स्क्रीनिंग की जा चुकी है. यात्रियों की स्क्रीनिंग 21 हवाई अड्डों, अंतरराष्ट्रीय बंदरगाहों और सीमा चौकियों, विशेष तौर पर नेपाल से लगती सीमा पर जारी है.

साथ ही हांगकांग और चीन के अलावा सिंगापुर और थाईलैंड से आने वाली सभी उड़ानों के यात्रियों की स्क्रीनिंग की जा रही है. इसके अलावा, वर्तमान में देशभर में 2,815 लोग सामुदायिक निगरानी में हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि परीक्षण के लिए भेजे गए कुल 338 नमूनों में से तीन सकारात्मक, 335 नकारात्मक आये हैं जबकि 70 संसाधित किए जा रहे हैं.

आईसीएमआर ‘नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी’ (एनआईवी), पुणे को कोरोनो वायरस के निदान के समन्वय के लिए एक नोडल केंद्र बनाया गया है. बारह क्षेत्रीय प्रयोगशालाओं को सक्रिय, मानकीकृत किया गया है जो नमूनों की जांच कर रहे हैं. बयान में कहा गया, मंत्रिसमूह को यह भी अवगत कराया गया कि व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) और एन..95 मास्क जैसी पर्याप्त सामग्री उपलब्ध है और सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में स्थिति पर करीब से नजर रखी जा रही है.

इसमें कहा गया, सचिव (एचएफडब्ल्यू) के अलावा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और कैबिनेट सचिव द्वारा प्रतिदिन उच्चतम स्तर पर तैयारियों और कार्यों की समीक्षा की जा रही है. 24 घंटे और सातों दिन कार्य करने वाला एक नियंत्रण कक्ष (011-23978046) सक्रिय है.

आईईसी सामग्री तैयार है और प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक एंव सोशल मीडिया के माध्यम से व्यापक रूप से प्रसारित की जा रही है. बैठक में सचिव (एमएचएफडब्ल्यू) प्रीति सूदन, सचिव (विदेश) एच वर्धन शृंगला, सचिव (नागरिक उड्डयन) प्रदीप सिंह खरोला, विशेष सचिव (स्वास्थ्य) संजीव कुमार, अपर सचिव (जहाजरानी) संजय बंदोपाध्याय उपस्थित थे.