पटना में लॉक डाउन: सड़कों पर पसरा सन्नाटा, दूध-सब्जी के लिए घरों से निकले लोग

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पटना में कोरोना के तीन संदिग्धों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। एक पीड़ित की मौत शनिवार रात को हो चुकी है, एक का इलाज एम्स में और दूसरे का एनएमसीएच में चल रहा है। पटना में कोरोना से पहली मौत के बाद राज्य सरकार में हड़कंप मच गया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आनन-फानन में बैठक बुलाई और पटना सहित राज्य के सभी शहरों को 31 मार्च तक के लिए लॉक डाउन कर दिया है। पटना के कई इलाकों में लोग दूध सब्जी और दैनिक उपयोग की वस्तुएं खरीदने के लिए बाहर निकले और सामान लेने के बाद वापस अपने घरों में चले गए। सुबह मॉर्निंग वॉक के लिए केवल इक्का दुक्का लोग ही पार्कों में दिखें।

कोरोना को लेकर राजधानी पटना में पुलिस काफी सक्रिय रही। थाने की पुलिस सुबह सात बजे से सड़कों पर पेट्रोलिंग करने लगी थी। थानेदारों ने अलग-अलग टीम बनाकर सड़क से लेकर गलियों तक लोगों को जागरूक किया। कंकड़बाग इलाके में सुबह 7 बजे से ही पेट्रोलिंग की जा रही है।  सड़क पर एक से दो लोग ही दिख रहे हैं। कंकड़बाग पुलिस ने अलग-अलग छह टीम बनाकर पूरे इलाके में पूरे दिन भ्रमण किया और सड़क पर दिख रहे लोगों को कोरोना से बचाव के बारे में जानकारी दी।

कोरोना अपडेट
– 31 मार्च तक के लिए देश की सभी ट्रेनों का परिचालन रोक दिया गया है।
– बिहार बोर्ड की कॉपियों का मूल्यांकन भी 31 मार्च तक के लिए रोक दिया गया है।
– पीएमसीएच में आइसोलेशन वार्ड के लिए 170 बेड की व्यवस्था की गई।
– कोरोना के संक्रमण से बचाव के लिए जिला नियंत्रण कक्ष बनाया गया है। हेल्पलाइन नंबर 0612-2219810 भी जारी किया गया है।
– रविवार को 23 जोड़ी विमान रद रहे।
– पटना एयरपोर्ट से दो संदिग्धों को पीएमसीएच में भर्ती किया गया।

बढ़ सकती है और मरीजों की संख्या
कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या तेजी से बढ़ सकती है। डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना पीड़ित मरीजों के संपर्क में रहने वालों में भी कोरोना के संक्रमण की आशंका अधिक होती है। डॉक्टर इसलिए र्भी ंचतित हैं कि मृतक मुंगेर का रहने वाला था और वह पटना तक जिस साधन से आया होगा उसमें अन्य यात्री भी रहे होंगे। ऐसे यात्रियों में भी संक्रमण की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है।