‘पद्मावत’ पर सुनवाई : यह क्या जिक्र आया कि ठहाकों से गूंज उठा सुप्रीम कोर्ट!

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नई दिल्ली: संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावत’ पर कई राज्यों में लगाए गए बैन के मामले पर गंभीर सुनवाई के दौरान एक ऐसा भी क्षण आया जब सुप्रीम कोर्ट ठहाकों से गूंज गया.

फिल्म निर्माता की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने अभिव्यक्ति की आजादी की दुहाई देते हुए कहा कि किसी दिन मैं दलील भी दूं कि कलाकारों को इतिहास से छेड़छाड़ का हक भी है. इस पर हरियाणा सरकार की तरफ से पेश हुए ASG तुषार मेहता ने आपत्ति जताते हुए कहा कि नहीं, ऐसा अनुचित होगा. आप इसकी आड़ में महात्मा गांधी को व्हिस्की के घूंट भरते हुए नहीं दिखा सकते. इस पर साल्वे ने जवाब दिया- वैसे ये तो इतिहास से छेड़छाड़ नहीं है. बस उनके इतना कहते ही जज़ों समेत पूरा कोर्टरूम ठहाकों से गूंज उठा.

सुप्रीम कोर्ट ने विभिन्न राज्यों के ‘पद्मावत’ पर लगाए गए बैन को हटा दिया है. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया दीपक मिश्रा ने कहा कि जब ‘बैंडिट क्वीन’ रिलीज हो सकती है तो ये फिल्‍म क्यों रिलीज नहीं हो सकती. सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि दीपिका पादुकोण, शाहिद कपूर और रणवीर सिंह की ‘पद्मावत’ अब पूरे देश में एक साथ रिलीज होगी. ‘पद्मावत’ 25 जनवरी को रिलीज होनी है. रिलीज से पहले ही राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश व अन्य राज्यों में फिल्म के रिलीज पर बैन लगाया था. फिल्म निर्माताओं ने अपनी याचिका में इस बैन को गैरकानूनी बताया था.