सिख विरोधी हिंसा के मामलों की निगरानी करेगा सुप्रीम कोर्ट, जांच करेगी एसआईटी

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नई दिल्ली: साल 1984 की सिख विरोधी हिंसा के मामलों की अब सुप्रीम कोर्ट निगरानी करेगा. कुल 186 बंद मामलों की फिर से जांचहोगी. इसके लिए गठित नई एसआईटी में दिल्ली हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस एसएन ढींगरा, रिटायर्ड आईपीएस राजदीप सिंह और वर्तमान आईपीएम अभिषेक दुलार होंगे.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि एसआईटी दो महीने में स्टेटस रिपोर्ट देगी. 19 मार्च को अगली सुनवाई होगी. सुपरवाइजरी पैनल की रिपोर्ट में कहा गया है कि 239 मामलों में से 186 को बिना जांच बंद किया गया. इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने इन मामलों की दोबारा जांच के लिए नई एसआईटी का गठन किया है.

6 दिसंबर 2017 को सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित सुपरवाइजरी पैनल ने एसआईटी द्वारा बंद किए गए 241 केसों की रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपी थी. सुप्रीम कोर्ट इस रिपोर्ट पर तय करेगा कि ये मामले फिर से खोले जाएं या नहीं. कोर्ट ने कहा कि अगर रिपोर्ट में कुछ होगा तो कार्रवाई के आदेश देंगे.

एक सितंबर 1984 की सिख विरोधी हिंसा के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एसआईटी द्वारा छंटनी के बाद बंद किए गए केसों की छानबीन के लिए सुप्रीम कोर्ट के दो रिटायर जजों की सुपरवाइजरी पैनल का गठन किया था. पैनल में सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस जेएम पांचाल और जस्टिस केएस राधाकृष्णन हैं. कोर्ट ने कहा था कि जज पांच सितंबर से काम शुरू करेंगे और तीन महीने में रिपोर्ट देंगे. पैनल को रिकार्ड देखने के बाद यह तय करना था कि केस बंद करने का फैसला सही है या नहीं और इन केसों की दोबारा जांच शुरू की जाए या नहीं. पैनल शुरुआत में ही बंद किए गए 199 केसों के अलावा 42 अन्य मामलों की फाइलों को देखेगी.