अब एक क्लिक पर दिखेगी सड़कों पर दौड़ रही गाडि़यों की कुंडली, ये होगा फायदा

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राज्य ब्यूरो, पटना : बिहार में दौडऩे वाली रजिस्टर्ड गाडिय़ों और लाइसेंस धारकों की कुंडली अब एक ही क्लिक पर मिलेगी। परिवहन महकमे ने पंजीकृत वाहनों और लाइसेंस का ब्यौरा ऑनलाइन करने की कवायद शुरू कर दी है।

गाडिय़ों के रजिस्ट्रेशन में होने वाले फर्जीवाड़े को रोकने, दुर्घटना की स्थिति में कार्रवाई के लिए यह पहल सरकार ने शुरू की है। नेशनल इंफॉरमेटिक सेंटर (एनआइसी) के जरिए इस मुहिम को अमलीजामा पहनाने की योजना बनी है।

यही नहीं आने वाले दिनों में बीएस वाहन-4 योजना के तहत देश की सभी गाडिय़ों का ब्यौरा एक ही नेटवर्क से जोड़ा जाएगा। सेंट्रल सर्वर को भी डाटा शिफ्ट करने की तैयारी चल रही है।

वर्तमान में जिला मुख्यालयों में स्थित डीटीओ कार्यालय से सीडी या ईमेल के जरिये डाटा को संबंधित कार्यालय भेजा जाता है। इसके बाद आरटीओ कार्यालय से राज्य परिवहन मुख्यालय डाटा भेजा जाता है और फिर परिवहन मुख्यालय से एनआइसी को डाटा भेजा जाता है, इसमें भी सीडी और ईमेल की मदद ली जाती है। इससे डाटा भेजने में कई दिनों का समय लग जाता है।

वाहनों के इतिहास के बारे में आसानी से पता लगाया जा सके। वाहनों के ब्योरे को ऑनलाइन करने के बाद डाटा में यदि किसी वाहन का नंबर डाला जाएगा तो उसके मालिक का नाम, पता, वाहन कब खरीदा गया, कभी कोई हादसा हुआ है या नहीं, हुआ है तो कब कितनी बार, वाहन का बीमा, नियमों के उल्लंघन आदि का पूरा विवरण मिल सकेगा। नियम तोडऩे पर उसके नंबर से पुलिस को जानकारी हो जाएगी कि इसके पहले यह कितनी बार नियम तोड़ चुका है।

ये होंगे फायदे
– एक से अधिक ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने पर लगेगा पूरी तरह अंकुश
– डीएल और वाहन ब्लैक लिस्ट होने पर  सर्वर शो करेगा
– फर्जी लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया पर रोक लगेगी
– वाहनों का अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग रजिस्ट्रेशन नहीं हो सकेगा
– ऑफिस में डाटा के साथ छेड़छाड़ नहीं हो पाएगी
– कंप्यूटर पर वायरस होने पर डाटा उडऩे का खतरा नहीं रहेगा