वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बड़ा ऐलान, सस्ते घरों के लिए सरकार देगी 10000 करोड़ की मदद

405

नई दिल्ली। देश की मंद पड़ी अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए सरकार अलग-अलग सेक्टरों को बूस्टर डोज दे रही है। इसी क्रम में शनिवार को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने हाउसिंग क्षेत्र को गति देने के लिए सरकार ने 10 हजार करोड़ रुपये का फंड 60 प्रतिशत तक पूरे हो गए लटके प्रॉजेक्ट को देने की घोषणा की है। हालांकि इसमें शर्त यह होगी वह प्रॉजेक्ट एनपीए न हो। इसके अलावा सरकार ने निर्यात और रियलटी बाजार को बड़ा पैकेज देते हुए निर्यातकों को राहत देने के लिए 50 हजार करोड़ रुपए छूट देने का ऐलान किया है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सरकार ने अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं और इन्हें लागू करने का काम शुरू हो चुका है। हाउसिंग क्षेत्र को गति देने के लिए सरकार ने 10 हजार करोड़ रुपये का फंड 60 प्रतिशत तक पूरे हो गए लटके प्रॉजेक्ट को देने की घोषणा की है। हालांकि इसमें शर्त यह होगी वह प्रॉजेक्ट NPA और NCLT में ना हो। सरकार के इस ऐलान से दिल्ली-एनसीआर में अपने घर का इतंजार कर रहे हजारों निवेशकों को लाभ मिल सकता है। इसके अलावा एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए देश में अगले साल मार्च में मेगा शॉपिंग फेस्टिवल का आयोजन किया जाएगा।

घर खरीदने के लिए जरूरी फंड के लिए स्पेशल विंडो बनाई जाएगी। इसमें एक्सपर्ट लोग काम करेंगे। लोगों को घर लेने में आसानी होगी और आसानी से लोन लिया जा सकेगा। एक्सटर्नल कमर्शल गाइडलाइन फॉर अफोर्डेबल हाउजिंग में राहत दी जाएगी। वित्त मंत्री ने कहा कि बजट में कई कदम उठाए जा चुके हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 1.95 करोड़ लोगों को फायदा हुआ है। 45 लाख कीमत के घरों को अफोर्डेबल स्कीम में डालने का फायदा मिला है। वहीं दूसरी ओर निर्यात बढ़ाने के लिए विदेश व्यापार नीति 2015-20 में घोषित की गयी ‘बाजार आधारित निर्यात छूट योजना’ (एमईआईएस) को सरकार ने वापस लेने का फैसला किया है और इसके स्थान पर नयी योजना ‘रिमिशन ऑफ डयूटीज – टेक्सेस ऑन एक्सपोर्ट प्रोडक्ट’ (रोडटेप)) लागू करने जा रही है। उन्होंने कहा कि एमईआईएस तथा अन्य योजनाओं का लाभ निर्यातकों को इस वर्ष 31 दिसंबर तक मिलता रहेगा। अगले वर्ष एक जनवरी से नयी योजना लागू हो जाएगी। नयी योजना में दो प्रतिशत तक की छूट कपडा और हस्तशिल्प के अलावा अन्य निर्यातित वस्तुओं पर भी मिलेगी। इससे सरकार पर 50 हजार करोड़ रुपए का भार पड़ने का अनुमान है।

http://badaltahindustan.com/archives/6770