आखिरकार 26 साल बाद गैंगरेप पीड़िता को इंसाफ मिला। एडीजे-3 के कोर्ट ने शुक्रवार को जनता दल के पूर्व विधायक योगेन्द्र नारायण सरदार समेत चार दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
इसके साथ ही कोर्ट ने जनता दल के पूर्व विधायक योगेन्द्र नारायण सरदार, शंभू सिंह, भूपेन्द्र यादव और उमा सरदार पर अलग-अलग धाराओं में सवा 3-3 लाख का जुर्माना भी लगाया।
सुपौल जिले के त्रिवेणीगंज थाना क्षेत्र के एक गांव में हुए इस शर्मनाक कांड में पीड़िता ने 19 नवंबर 1994 को केस दर्ज कर शंभू सिंह, भूपेन्द्र सरदार, योगेन्द्र नारायण सरदार, उमा सरदार, रामफल यादव और हरिलाल शर्मा उर्फ हरिनारायण शर्मा को नामजद किया था। इसमें से रामफल यादव की मौत हो चुकी है। हरिलाल शर्मा अभी तक फरार चल रहे हैं। अभियोजन पक्ष से अपर लोक अभियोजक मो. अबू जफर और बचाव पक्ष से सुधीर झा और नागेन्द्र नारायण ठाकुर ने बहस की। अभियोजन पक्ष से 11 और बचाव पक्ष से 7 लोगों की गवाही हुई थी।
किन-किन धाराओं में कितनी सजा
कोर्ट ने भादवि की धारा 376 के तहत सभी अभियुक्तों को आजीवन कारावास के साथ-साथ एक-एक लाख का जुर्माना लगाया। जुर्माना की राशि नहीं देने पर दो-दो साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। भादवि की धारा 366 के तहत 10-10 साल की सजा व एक-एक लाख का जुर्माना लगाया। जुर्माना की यह राशि नहीं देने पर दो-दो साल की अतिरिक्त सजा काटनी होगी। इसी तरह भादवि की धारा 458 के तहत 10-10 साल की सजा और एक-एक लाख का जुर्माना। जुर्माना अदा नहीं करने पर दो साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। भादवि की धारा 324 के तहत तीन-तीन साल की सजा और 25-25 हजार का जुर्माना लगाया है। जुर्माने की राशि नहीं देने पर छह-छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
क्या था मामला :
16 नवंबर 1994 की रात पीड़िता अपनी मां के साथ सोई हुई थी। इसी बीच जनता दल के पूर्व विधायक योगेन्द्र नारायण सरदार, शंभू सिंह, उमा सरदार और भूपेन्द्र यादव सहित दो-तीन अज्ञात व्यक्ति रात करीब 12 बजे पीड़िता के घर आए और लड़की का हाथ-मुंह बांधकर जीप से लेकर चले गए। अभियुक्तों ने बारी-बारी से उसका रेप किया। दुष्कर्म के दौरान लड़की ने पूर्व विधायक के नाजुक अंग को जख्मी कर दिया था। इसके बाद दुष्कर्मियों के चंगुल से भागकर किसी तरह अपने घर आई और परिजनों को आपबीती सुनाई। जख्मी हालत में लड़की की मेडिकल जांच कराई गई। तीन दिन बाद पीड़िता के बयान पर त्रिवेणीगंज थाने में केस दर्ज हुआ था। हाई प्रोफाइल मामला होने के कारण मेडिकल बोर्ड से जांच कराई गई थी।