आखिर कब तक शहीद होते रहेंगे जवान

1794

इंडिया को डिजिटल होता देख कैबिनेट मिनिस्टर सब डिजिटल होते जा रहे हैं, हर चीज़ का फैसला अब सोशल साइट्स और टेलिविज़न पर होने लगा है। देश का कमान जिनके हाथ मे हैं वो बस ट्वीटर पर निंदा कर खुद का कुर्ता झाड़ने में लगे हैं। निंदा कर ट्वीटर से ऐसा प्रहार करते हैं कि दुश्मन के चिथड़े उड़ा देते हैं। भारतीय सेना देश के लिए अपनी शहादत दे रहे हैं वहीं राजनेता ट्वीटर कैमरा ट्वीटर कैमेरा खेल रहे हैं। ये राजनेता ज़मीनी काम सिर्फ चुनावी दौर में करा करते हैं वो दौड़ धूप सिर्फ रैली से लेकर भाषणबाजी तक ही सीमित है।

दिन व दिन सैनिक के शहादत का आंकड़ा विशाल होता जा रहा है। 2014 में बीजेपी के सत्ता में आते ही लोगों ने सोच लिया था कि अब पाकिस्तान का खत्मा होना तय है, और कहा गया था कि अब पाकिस्तान को लव लेटर नही भेजा जाएगा और एक जवान के बदले दस सिर काट कर लाएंगे पर अब ठीक उसके विपरीत होता दिख रहा है। जिस तरह वो चुनावी जुमला था उसी तरह आज सत्ताधारी निंदा एक जुमला बन गया है।

बीजेपी के कार्यकाल में अबतक 207 जवान शहीद हो चुके हैं और प्रतिक्रिया में निंदा से ख़ूब प्रहार कर दुश्मन की धज्जियां उड़ा दी है अबतक केंद्र सरकार ने। जिस तरह से 29 सितम्बर 2016 को सर्गिकल स्ट्राइकर हुआ उसके बाद ये उम्मीद नही की जा रही थी कि फिर से पाकिस्तान को ऐसी हरकत करने की हिम्मत होगी पर अब सवाल सर्जिकल स्ट्राइक पर भी होगा कि आखिर सर्जिकल स्ट्राइक भी कहीं जुमला तो नही।

भारत पाकिस्तान विभाजन के बाद युद्ध और बिना युद्ध में कुल 13,636 सैनिक शहादत सिमा या कश्मीर में दे चुके हैं। इनमें से 7295 जवान युद्ध मे शहीद हुए हैं जबकि 6341 जवान बिना युद्ध मे शहीद हुए हैं।1999 के कारगिल युद्ध के बाद पाकिस्तान ने आधे दर्जन से ज़्यादा बार जवानों के सिर काटे हैं पर राजनेता  हर मुद्दे में जिस तरह राजनीत कर अपनी रोटी सेकते हैं और आज सैनिक की शहादत को राजनीतिकरण का मुद्दा बना दिया है। देश का दुभग्यपूर्ण है कि कोई करवाई करने के बजये मंत्रालय अपने अपने बयानबाजी में लगे हैं पर सक्षम कदम नही उठाया जा रहा वहीं  दूसरी तरफ 2017 में पाकिस्तानी सेना 65 बार, 2016 में 449 और 2015 में 405 बार सीज़फायर उल्लघन कर चुकी है।

माननीय श्री नरेन्द्र मोदी जी ने सत्ता में आने से पहले मीडिया से कहा था की “ये जो देश के जवान मारे जा रहे हैं। इसके लिए मैं केंद्र सरकार को जिम्मेदार मानता हूँ। केंद्र सरकार को देश कभी माफ नही करेगा”। फिलहाल माननीय नरेंद्र मोदी जी अब सत्ता में है तो क्या मौजूदा हालात की जिम्मेदार केंद्र सरकार होगी या विपक्ष में रहने पर ही केंद्र सरकार को ज़िम्मेदार ठहराया जा सकता है।

देश मे एक दल है जो खुद की पीठ सबसे बड़ा राष्ट्रवादी कहकर थपथपाता है फिर ऐसे मौके पर उस राष्ट्र स्वयं सेवक का हत्यारबंद सेवक कहाँ दुपक जाते हैं जब अभी उनकी जरूरत है क्योंकि वो तो देश के किसी कोने में पहुँच सकते हैं तो फिर उन्हें सरहद कैसे नही देखा हुआ है। क्या आरएसएस सिर्फ देश मे रहने वाले का गला काट देश की रक्षा करेगा या सरहद पर अपनी टोली लेकर जाएगा पाकिस्तान की ईंट से ईंट बजाने के लिए क्योंकि सैनिक मंत्री और सिस्टम के आदेश की वजह से रुके होते हैं और यहाँ कैबिनेट मिनिस्टर सब फटा फट पहले अपनी अपनी रोटी सकते हैं फिर कुछ फैसला देते हैं तो क्या संविधान का नही पालन करने वाली आरएसएस किस हद तक फ़ौरन पाकिस्तान की ईंट से ईंट बजायेगा, कब और कितने बजे वो डाला वाले ट्रक भर भर सेवक निकलेंगे।

इमाम सालेहीन हारिष