दरभंगा। जीवन भर मनुष्य सिखता ही रहता है। या यूं कहें कि मनुष्य जीवनभर छात्र ही रहता है। हमारा देश काफी समय गुलाम रहा। इसका परिणाम हुआ कि हम अपनी संस्कृति से पीछे चले गए। अपना देश आधुनिक शिक्षा में भी बहुत बेहतर नहीं कर पा रहा है। अंग्रेज ने हमें सिर्फ लिपिक बनने के लिए उत्प्रेरित किया। रोजगारोन्मुख बनाया तो सही पर हम एक मशीन की तरह हो गए। हमारा चरित्र अद्योमुखी होने लगा। ये बातें डॉ प्रभात दास फाउंडेशन की ओर से नागेन्द्र झा महिला महाविद्यालय में आयोजित ‘आधुनिक शिक्षा और छात्र’ विषयक संगोष्ठी में बतौर मुख्य वक्ता प्रो. टून टून झा ‘अचल’ ने कहीं। मुख्य अतिथि लनामिविवि के पूर्व कुलपति प्रो. राज किशोर झा ने कहा कि जिस उम्र में बच्चों को खेलना चाहिए। लार-प्यार मिलना चाहिए। उस उम्र में हम उसे अपनों से दूर कर जबरदस्ती स्कूल भेजते हैं। ताकि वह अच्छी से अच्छी नौकरी पा सके। हम भूल जाते हैं कि बच्चे को जब हम अपने से दूर रखेंगे तो उसमें संस्कार का अभाव रहेगा, चरित्र का सही निर्माण नहीं हो सकेगा, जो आगे चलकर बच्चे के लिए ही नहीं अपितु माता-पिता के लिए भी दुखदायी हो जाता है। बच्चों से उसका बचपन न छीनें। भले ही आधुनिकता का विकास हो, पर उसमें अपने परंपरागत संस्कार भी कायम रहने चाहिए।विशिष्ट अतिथि के रूप में विधायक जीवेश मिश्रा ने छात्रों को विश्व की धरोहर बताते हुए कहा कि आधुनिक शिक्षा पद्धति में संस्कृत विषय का होना अति आवश्यक है और सरकार इसके लिए प्रतिबद्ध भी है। ताकि आनेवाली पीढ़ी अपने संस्कार को नहीं भुलते हुए अपने माता-पिता की सेवा की करें। चरित्र निर्माण पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि जिस तरह से माता-पिता अपने पुत्र और पुत्री के लिए मेहनत करते है, ताकि वो अति आधुनिक शिक्षा ले सके, उसी तरह से जब माता-पिता बूढ़े हो जाते है तो बच्चों को चाहिए कि उन्हें भी अच्छी से अच्छी सुविधा मुहैया कराते हुए उन्हें अपने पास रखें। ना कि वृद्धाश्रम में भेज दें। कार्यक्रम की अध्यक्षता नागेन्द्र झा महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. ऋषि राय ने की। संचालन डॉ. महादेव झा व धन्यवाद ज्ञापन प्रमोद चौधरी ने किया। कार्यक्रम में फाउण्डेशन के अनिल कुमार ¨सह, मनीष आनंद, मोहन साह, नीरज चौधरी, नवीन कुमार आदि मौजूद थे।————— प्रतियोगिता में पुरस्कृत हुए 23 प्रतिभागी
फाउंडेशन द्वारा आयोजित सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता-2017 में प्रथम स्थान पर अंजली, दूसरे स्थान पर ऋषभ राज, तीसरे स्थान पर आल्या नेदा, चौथे पर आदर्श कुमार झा रहे।अन्य सफल प्रतिभागियों में अंशुमन, अंकित पाठक, प्रियांशु रंजन, हर्षिता त्रिवेदी, रवि प्रकाश मिश्रा, निशांत कुमार झा को फाउंडेशन द्वारा पुरस्कृत किया गया। प्रभात कुमार, अमन राज, शिवांशु, शिवानंद शांडिल्या, आदर्श राज, आर्यन पीटर, अमन चौधरी, हर्ष ठाकुर, देव बर्द्धन ¨सह, आकर्श केशव, विक्रम कुमार राय विपुल वैभव सौम्या स्नेहा ने क्रमश 11वां से 23वां स्थान के लिए सांत्वना पुरस्कार के साथ पुरस्कृत किया गया।