आम बजट-2018 : अगर आप शेयर बाजार में निवेश करते हैं तो यह 10 बातें जानना आपके लिए है जरूरी

470
नई दिल्ली: मोदी सरकार के बजट 2018 के अगले दिन शेयर बाजार में गिरावट का दौर देखने को मिला. जानकारों का मानना है कि बजट में फिस्कल घाटे के ज्यादा होने और लंबी अवधि के कैपिटल गेन पर टैक्स लगाने के सरकार के फैसले से यह गिरावट देखी जा रही है. आज सुबहर बीएसई में करीब 300 अंकों की गिरावट दर्ज की गई जबकि निफ्टी 10950 के कारोबार करने लगा. अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी घरेलू शेयरों को नुकसान दिखाई दे रहा है. वे भी आज कमजोर खुले. गुरुवार की तुलना में रुपया भी 64.02 से फिसलकर 64.18 पर आ गया.
              बजट 2018 के बाद 10 बातें जो शेयर बाजार पर डालेगी असर
  1. बाजार में भारी बिकवाली दबाव था, लेकिन कारोबार के अंतिम घंटे में घरेलू संस्थागत निवेशकों की लिवाली से इसका असर कम हो गया. बता दें कि बैंकिंग क्षेत्र से जुड़े स्टॉक्स में गिरावट देखी जा रही है. येस बैंक, एचडीएफसी, एसबीआई और इंडसइंड बैंक के शेयरों में करीब 2 फीसदी की गिरावट देखी गई है.
  2. इसके अलावा 2017-18 के लिए राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को सकल घरेलू उत्पाद के 3.2 प्रतिशत से 3.5 प्रतिशत करने के अनुमान से भी बाजार धारणा पर असर हुआ. वित्त वर्ष 2018-19 के लिए राजकोषीय घाटे का लक्ष्य 3.3 प्रतिशत तय किया गया है, जबकि राजकोषीय दायित्व एवं बजट प्रबंधन कानून में इसके लिए तीन प्रतिशत का लक्ष्य रखा गया है.
  3. इस बजट में वित्तमंत्री ने दीर्घकालिक कैपिटल गेन पर टैक्स का जो नया नियम बताया है उससे बाजार काफी प्रभावित हुआ है. वर्तमान में कैपिटल गेन (एलसीजीटी) पर कोई टैक्स नहीं है अगर शेयरधारक एक साल तक शेयर बनाए रखता है.
  4. आम बजट 2018 में एलसीजीटी से यह भी चिंता व्याप्त हो गई है कि क्या इससे अब विदेशी निवेशक भारतीय इक्विटी में पैसा लगाएंगे या नहीं. यानी यह माना जा रहा है कि इससे शेयर बाजार पर विपरीत असर पड़ना तय है
  5. कुछ लोगों का मानना है कि सरकार के इस नियम से विदेशी निवेशक छिटकेंगे और देश की आर्थिक व्यवस्था को इससे नुकसान उठाना पड़ सकता है.
  6. पहले कई जानकार यह मामला उठाया करते थे कि विदेशी निवेश के नाम पर सबसे ज्यादा पैसा शेयर बाजार में निवेश होता है और सीधे भारतीय अर्थव्यवस्था में निवेश नहीं होता.
  7. उल्लेखनीय है कि 2014 की शुरुआत से शेयर बाजारों में 94 बिलियन डॉलर का विदेशी निवेश हुआ है. नए नियम के हिसाब से अब विदेशी संस्थागत निवेशकों को आय पर टैक्स देना होगा.
  8. कई जानकारों की राय में जहां शेयर बाजार में निवेश से नुकसान के आसार हैं वहीं बजट में ग्रामीण क्षेत्रों में जो निवेश की घोषणा की गई है उससे बाजार को और अर्थव्यवस्था को काफी फायदा होगा.
  9. कुछ जानकारों का मानना है कि बेहतर टैक्स कलेक्शन, ग्रामीण क्षेत्रों में निवेश, जीडीपी, नौकरी में बेहतर अवसर के कारण शेयर बाजार के साथ साथ पूरी अर्थव्यवस्था में कुछ दिनों में बेहतर परिणाम मिलेंगे.
  10. बता दें कि आरबीआई की विभिन्न ब्याज दरों को रिव्यू करने का समय आ गया है. इसका भी बाजार पर काफी असर होगा. अगले हफ्ते आरबीआई यह काम करेगा और घोषणा करेगा.