पिछले तीन वर्षो में बिहार की अर्थव्यवस्था ने राष्ट्रीय विकास दर की अपेक्षा तेज वृद्धि दर्ज की है। राज्य सरकार द्वारा पेश किए गए 14 वां आर्थिक सर्वेक्षण (2019-20) सोमवार को सदन में पेश किया। पहली बार पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन तथा ई-शासन को शामिल किया गया।
आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार वर्ष 2018-19 में बिहार की अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर स्थिर मूल्य पर 10.53 फीसदी और वर्तमान मूल्य पर 15.01 फीसदी रही। वर्ष 2018-19 में वर्तमान मूल्य पर बिहार का सकल राज्य घरेलू उत्पादन (एसजीडीपी) 5,57, 490 करोड़ रुपये और 2011-12 के स्थिर मूल्य पर 3.94.350 करोड़ रुपये रहा। वहीं, 2018-19 में राज्य में निवल राज्य घरेलू उत्पाद वर्तमान मूल्य पर 5,13,881 करोड़ रुपये और स्थिर मूल्य पर 3,59,030 करोड़ रुपये रहा। फलत: 2018-19 में प्रति व्यक्ति सकल राज्य घरेलू उत्पाद वर्तमान मूल्य पर 47,641 रुपये और स्थिर मूल्य पर 33,629 रुपये रहा।
राज्य के वास्तविक विकास में 36 फीसदी योगदान वायु परिवहन का
वर्ष 2018-19 में अर्थव्यवस्था के मुख्य वाहकों की वृद्धि दरें दो अंकों में रही और राज्य की समग्र अर्थव्यवस्था के वास्तविक विकास में वायु परिवहन का सबसे अधिक (36 फीसदी) योगदान रहा। वहीं, अन्य सेवाएं (20 फीसदी), व्यापार एवं मरम्मत सेवाएं (17.6 फीसदी), पथ परिवहन (14 फीसदी) और वित्तीय सेवाएं (13.8 फीसदी) योगदान रहा। सर्वेक्षण में यह उम्मीद जतायी गयी कि प्राथमिक क्षेत्र में वृद्धि की क्षमता से राज्य को आने वाले वर्षो में उच्च विकास दर दर्ज करने में मदद मिलेगी।
राजकोषीय घाटा निर्धारित सीमा के अंदर ही रहा
आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार वर्ष 2018-19 में बिहार में राजकीय वित्त व्यवस्था के प्रबंधन में बिहार राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम, 2006 के संकल्पों का पालन किया गया। इस वर्ष राजकोषीय घाटा सकल राज्य घरेलू उत्पाद के 2.68 फीसदी रहीं। इसे तीन फीसदी से कम होना जरूरी है। वहीं, राजस्व अधिशेष एसजीडीपी के 1.34 फीसदी और राज्य सरकार की लोक ऋण संबंधी कुल देनदारी एसजीडीपी के 32.34 फीसदी के बराबर रही।
आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार 15 वें वित्त आयोग ने वर्ष 2020-21 के लिए अपनी रिपोर्ट पेश कर दी है। उसकी अनुशंसा के अनुसार 2020-21 के लिए के लिए केंद्र के कुल वितरणीय संसाधन कोष में बिहार का हिस्सा वर्तमान 9.67 फीसदी से बढ़कर 10.06 फीसदी हो गया है।
वहीं, वर्ष 2018-19 में बिहार में कुल राजस्व प्राप्ति 1,31,793 करोड़ रुपये और पूंजीगत प्राप्ति 20,494 करोड़ रुपये थी। वहीं, राज्य में राजस्व व्यय 1.24,897 करोड़ रुपये और कुल व्यय 1,54, 655 करोड़ रुपये रहा। वर्ष 2018-19 में राजस्व प्राप्ति पिछले वर्ष से 12.2 फीसदी बढ़ी जबकि राजस्व व्यय 21.7 फीसदी बढ़ गया।