नई दिल्ली: रविवार 13 अक्टूबर को उत्तरी दिल्ली के राजगार्डेन में सुबह दस बजे पंडित रविन्द्र भारती ने विधि विधान से हवन- पूजन और यज्ञ संपन्न कराया। समारोह परिसर में विशाल भंडारे में सैकड़ों लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। इंस्टिट्यूट ऑफ रूरल डेवलपमेंट की ओर से आयोजित जयंती समारोह में संस्था के निदेशक सह सचिव श्री बिपिन कुमार बल ने कार्यक्रम के प्रारंभ में हुए अतिथियों का परिचय करवाया तथा संस्था दुवारा किये जा रहे विभिन्न कार्यों से अवगत भी करवाया साथ ही उन्हों ने महृषि वाल्मीकि जी का परिचय करवाते हुए कहा कि वाल्मीकि का जन्म महर्षि कश्यप और अदिति की 9वीं संतान वरुण और पत्नी चर्षणी के घर हुआ था. बचपन में भील समुदाय के लोग उन्हें चुराकर ले गए थे और उनकी परवरिश भील समाज में ही हुई. वाल्मीकि से पहले उनका नाम रत्नाकर हुआ करता था. रत्नाकर जंगल से गुजरने वाले लोगों से लूट-पाट करता था.एक बार जंगल से जब नारद मुनि गुजर रहे थे तो रत्नाकर ने उन्हें भी बंदी बना लिया. तभी नारद ने उनसे पूछा कि ये सब पाप तुम क्यों करते हो? इस पर रत्नाकर ने जवाब दिया, ‘मैं ये सब अपने परिवार के लिए करता हूं’. नारद हैरान हुए और उन्होंने फिर उससे पूछा क्या तुम्हारा परिवार तुम्हारे पापों का फल भोगने को तैयार है. रत्नाकर ने निसंकोच हां में जवाब दिया.तभी नारद मुनि ने कहा इतनी जल्दी जवाब देने से पहले एक बार परिवार के सदस्यों से पूछ तो लो. रत्नाकर घर लौटा और उसने परिवार के सभी सदस्यों से पूछा कि क्या कोई उसके पापों का फल भोगने को आगे आ सकता है? सभी ने इनकार कर दिया. इस घटना के बाद रत्नाकर काफी दुखी हुआ और उसने सभी गलत काम छोड़ने का फैसला कर लिया. आगे चलकर रत्नाकर ही महर्षि वाल्मीकि कहलाए.।इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में श्री गिरीष सोनी विधायक मादीपुर, दिल्ली ने अपने विचारों को रखा तथा उन्हों ने कहा कि कैसे कोई व्यक्ति अपने अच्छे कर्मों के बदौलत महान बन सकता है वो हम सबको महर्षि वाल्मीकि से सीखने की आवश्यकता है।कार्यक्रम में विभिन वक्ताओं ने अपने-अपने सुविचार रखे तथा समाज में फैली विभिन्न कुरीतियों को खत्म करने के लिए प्रण लिया और समाज मे आपसी भाई-चारा बनाये रखने के लिए लोगों को वचनबद्ध किया।कार्यक्रम के अंत मे समारोह के संयोजक भारती जी ने समारोह में आये हुए सभी अतिथियों एवं पधारे हुए सभी लोगों का धन्यवाद किया। इस अवसर पर श्री सुभाष बिड़लान, श्री लालू राम अध्यक्ष RWA राजगार्डेन एवं आसपास कि कॉलोनियों के सभी गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।