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नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा इलेक्ट्रोहोम्योपैथी की रिकोग्नीशन
के लिए प्रपोजल मांगे जाने पर भारत सरकार का इलेक्ट्रोहोम्योपैथी के प्रति
रवैया सकारात्मक होते दिख रहा है, इलेक्ट्रोहोम्योपैथी की रिकोग्नीशन पर
हुई एक बैठक में ऐसा कहा इलेक्ट्रोहोम्योपैथिक मेडिकल एसोसिएशन इंडिया
(इ.एम.ए. इंडिया) के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. के.पी.एस चौहान ने।
हमने प्रपोजल गत: 7 नवंबर को जमा कर दिया था। इलेक्ट्रोहोम्योपैथी को
मान्यता प्रदान करने और इलेक्ट्रोहोम्योपैथी की जीवन क्षमता की जांच करने
हेतु केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार द्वारा गठित 21 सदस्य इंटर
डिपार्टमेंटल कमेटी ने हमे गत: दिनांक 22 दिसंबर को पत्र जारी करते हुए
दिनांक 9 जनवरी को डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ रिसर्च में आहुत की गयी मीटिंग
में अपना प्रेजेंटेशन प्रस्तुत करने को कहा था। हमने अपने प्रेजेंटेशन के साथ-
साथ इलेक्ट्रोहोम्योपैथी की जीवन क्षमता, विशेषता एवं गुणों को विस्तार से
समझा दिया है।
डॉ. चौहान ने आगे कहा कि इलेक्ट्रोहोम्योपैथी में वह सभी गुणधर्म हैं, जो
कि एक चिकित्सा पद्दति में होने चाहिये और आई.डी. कमेटी की सभी शर्तों
को यह पूरा करती है और इसको मान्यता दिया जाना देशहित एवं लोकहित
में हैं। डॉ. चौहान ने जोर देते हुए कहा कि अब मैं विश्वास के साथ कह
सकता हूं कि इलेक्ट्रोहोम्योपैथी को मान्यता शीघ्र मिल जाएगी तथा सभी
आयुष पद्दतियों का समेकीकरण (एकीकरण) का वायदा भी पूरा होगा। बैठक
में उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, पंजाब, हरयाणा, जम्मू-कश्मीर,
पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, दिल्ली, राजस्थान, बिहार, झारखंड, असम, कर्नाटक
आदि राज्यों के एसोसिएशन प्रतिनिधि उपस्थित थे।