देहरादून, : त्याग और समर्पण का पर्व ईद-उल-अजहा (बकरीद) आज मनाया जा रहा है। चकराता रोड स्थित ईदगाह में सुबह नौ बजे शहर काजी मोहम्मद अहमद कासमी नमाज अदा कराई, इससे पहले तकरीर हुई। वहीं, शहर और देहात क्षेत्र में सुबह 8.30 से अलग-अलग मस्जिदों व ईदगाहों में नमाज अदा की गई। पुलिस-प्रशासन भी ईद को लेकर मुस्तैद रहे। शहर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
बकरीद पर कुर्बानी के लिए देर रात तक शहर के इनामुल्ला बिल्डिंग, कारगी, निरंजनपुर और चकराता रोड क्षेत्र में देर रात तक बकरों की खरीददारी होती रही। साथ ही बाजारों में नए कपड़े आदि की खरीददारी को भी भीड़ जुटी रही।
नायब सुन्नी शहर काजी सैयद अशरफ हुसैन कादरी ने कहा कि हमारे अंदर भी एक जानवर छिपा है, जो हमें गलत रास्ते पर ले जाता है। क्रोध, लोभ, ईर्ष्या आदि सभी बुराइयों की खान यही है। बकरीद पर हमें अपने भीतर छिपे जानवर की भी कुर्बानी देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि नेकी की राह पर चलने वाले बंदे ही अल्लाह को पसंद होते हैं। कुरान-ए-पाक से मिलने वाले संदेशों को अपने जीवन में आत्मसात करने से अल्लाह खुश होते हैं।
ईद-उल-जुहा की दी बधाई
शहर और देहात क्षेत्र में बारिश के बीच ईद-उल-जुहा की नमाज पढ़ी गई। इस दौरान मुस्लिम समुदाय के लोगों ने अमन और खुशहाली के लिए दुआ मांगी। साथ ही एक दूसरे को गले मिलकर बधाई दीं। इसके बाद कुर्बानी की रस्म अदा की गई। रुड़की में दिल्ली-देहरादून राजमार्ग स्थित ईदगाह कलीयर में पिरान कलियर दरगाह परिसर लंढौरा मंगलोर झबरेडा भगवानपुर खेल पुर जोरासी समेत विभिन्न स्थानों पर अलग-अलग समय ईद की नमाज पढ़ी गई।