नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर से बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने एक बार फिर सरकार के विचार से इतर अपनी राय रखी है. 37 वर्षीय वरुण गांधी ने रोहिंग्या मुसलमानों पर सरकार की राय से अलग कहा है कि वह चाहते हैं कि रोहिंग्या मुसलमानों को शरण दी जाए. म्यांमार में अत्याचार से परेशान होकर बांग्लादेश भारत पहुंच रहे इन रोहिंग्या मुसलमानों को भारत सरकार ने खतरा बताया है कि शरण देने से मना कर दिया है. सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में जारी एक केस की सुनवाई में भी यह बात साफ कही है कि ये लोग सुरक्षा के लिए खतरा भी हैं.
सरकार की ओर से केंद्रीय गृह राज्यमंत्री हंसराज अहीर ने बीजेपी सांसद वरुण गांधी की उनके उस दृष्टिकोण के लिए आलोचना की जिसमें उन्होंने कहा है कि रोहिंग्या मुसलमानों को सुरक्षा मूल्यांकन के बाद भारत में शरण देना चाहिए. उन्होंने कहा कि जो लोग राष्ट्रहित को ध्यान में रखते हों, उन्हें इस तरह के बयान नहीं देने चाहिए.
एक वेबसाइट पर अपने ब्लॉग में वरुण गांधी ने लिखा हैकि रोहिंग्या मुसलमानों को वापस नहीं भेजा जाना चाहिए. उनके साथ मानवतापूर्वक पेश आना चाहिए. एनडीटीवी से बात में वरुण गांधी ने कहा कि हर एक आदमी की जांच होनी चाहिए और यह राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं होना चाहिए.
वरुण के बयान से नाराज केंद्रीय मंत्री अहीर ने कहा, ‘‘जो देश के हित में सोचेगा वो इस तरह का बयान नहीं देगा.’’ एक हिंदी अखबार में अपने आलेख में वरूण ने कहा कि भारत को रोहिंग्या को जरूर शरण देना चाहिए लेकिन उससे पहले वास्तविक सुरक्षा चिंताओं का मूल्यांकन कर लेना चाहिए.
अहीर के बयान के बाद वरुण ने कहा कि उनका हालिया आलेख मुख्यरूप से भारत की शरण देने की नीति को परिभाषित करने पर केन्द्रित था जिसमें इस बात को स्पष्टरूप से रेखांकित किया गया कि हम किस तरीके से शरणाथियों को स्वीकार करेंगे.