उत्तराखंड में एम्स ऋषिकेश के दीक्षांत समारोह में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि बहुत सरल है अपने लिए जीना लेकिन बड़ा आदमी बनने के लिए दूसरों के लिए जीना पड़ता है। मेरे जैसे पेशेंट को आज भी लगता है कि डॉक्टर मरीज के लिए भगवान होता है। भगवान के बाद यदि मरीज सबसे ज्यादा श्रृद्धा करता है तो वह डॉक्टर है। उन्होंने कहा कि अगर आपको गरीब आदमी में काम दिखाई देता है तो आप कभी सेवा नहीं कर सकते। अगर आप उस गरीब मरीज के अंदर सेवा और संवेदना का भाव देखेंगे तभी मरीज को आपके अंदर भगवान देखेगा।
अमित शाह ने डॉक्टरों से कहा कि आपका लक्ष्य होना चाहिए इस देश को स्वास्थ्य के क्ष्ोत्र में आगे ले जाना। इस प्लेटफॉर्म पर खड़ा होकर आपको स्वास्थ्य के क्षेत्र में भारत को दुनिया में सर्वोच्च स्थान पर ले जाने का प्रयास करना है। आज जब आप डॉक्टर बन रहे हैं तब एक विशिष्ट प्रकार का प्लेटफॉर्म देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बनाया है। इस प्लेटफॉर्म पर खड़ा होकर आपको सिर्फ अपनी आजीविका या अपने विकास का विचार नहीं करना। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले 6 साल में देश को स्वास्थ्य के क्षेत्र में सम्पर्ण बनाने की शुरुआत की है। इतनी बड़ी आबादी वाले देश में सभी के लिए स्वास्थ्य की कोई कल्पना करता है, तो ये कितनी कठिन कल्पना होगी, आप समझ सकते हैं।
उन्होंने कहा कि भारत को स्वास्थ्य के क्षेत्र में सम्पूर्ण बनाने का कार्य मोदी जी के अलावा कोई नहीं कर सकता। मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने के बाद करीब 157 नए मेडिकल कॉलेजों की शुरुआत हुई है। अटल बिहारी वाजपेयी जी ने देश में 6 नए एम्स बनाए थे। उसमें से ऋषिकेश एम्स भी एक है। आज देश में कुल 22 एम्स स्थापित करने का काम चल रहा है। हमारा लक्ष्य है कि हर राज्य में एक एम्स स्थापित हो। पिछले 6 साल में देश में लगभग 29,000 एमबीबीएस की और 17,000 पीजी की सीटें बढ़ाई गई हैं। आने वाले वर्षों में 10,000 और पीजी सीटें बढ़ने का अनुमान है। जो इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने का काम किया जा रहा है, उसका उद्देश्य है कि हर गांव में एक स्पेशलिस्ट डॉक्टर उपलब्ध हो सके।
गृह मंत्री ने कहा कि नरेन्द्र मोदी जी ने अपने विजन से भारत को स्वस्थ बनाने के काम को अलग अलग हिस्सों में बांटा है। लोग बीमार ही न पड़ें। इसके लिए फिट इंडिया, योग और मिशन इंद्रधनुष जैसे कार्यक्रम चल रहे हैं। अगर बीमारी हो गई तो, लोगों को अच्छा इलाज मिले। इसके लिए अच्छे अस्पताल और मेडिकल कॉलेज बनाने पर काम चल रहा है। मेडिकल शिक्षा की सीटों में बढ़ोतरी की गई है। जो लोग इलाज में पैसा खर्च नहीं कर सकते उनके लिए आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत की गई है।