मध्य प्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया के वफादार माने जाने वाले कांग्रेस के 19 विधायकों ने मंगलवार को राज्य के राज्यपाल को अपने इस्तीफे भेज दिए। इसमें छह मंत्री भी शामिल हैं। राजभवन के सूत्रों ने भाषा को यह जानकारी दी। राजभवन के एक अधिकारी ने बताया, ‘हमें दो ईमेल के जरिए 14 विधायकों के इस्तीफे मिले हैं।’ इन विधायकों के इस्तीफा देने के बाद कमलनाथ सरकार का गिरना तय हो गया है।
इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। सिंधिया ने अपना इस्तीफा पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजने के साथ ही इसे अपने ट्विटर हैंडल पर भी साझा किया है।
19 Congress MLAs including six state ministers from Madhya Pradesh who are in a Bengaluru resort have tendered their resignation from the assembly after Jyotiraditya Scindia resigned from the party. https://t.co/pHiIM3uJtm pic.twitter.com/hHM0uKS8vQ
— ANI (@ANI) March 10, 2020
मध्य प्रदेश में पिछले एक सप्ताह से कांग्रेस की कमलनाथ सरकार संकट के दौर से गुजर रही है। सिंधिया के समर्थक विधायकों के सोमवार को लापता होने के बाद से संकट और गहरा गया था। सिंधिया ने मंगलवार को अपनी आगामी रणनीति का खुलासा करते हुए कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।
सिंधिया ने इस इस्तीफे में कहा है कि वे जनसेवा के लिए राजनीति में आए हैं और बीते कुछ समय से कांग्रेस में रहते हुए ऐसा नहीं कर पा रहे थे।
‘सिंधिया को निष्कासित किया गया’
कांग्रेस ने मंगलवार को कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते तत्काल प्रभाव से निष्कासित कर दिया गया है। कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने एक बयान में कहा, ‘कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण सिंधिया को तत्काल प्रभाव से निष्कासित करने को स्वीकृति प्रदान की।’