एक जुलाई से देशभर में एक देश लागू कर दिया गया. एक टेक्स के महत्वकांशी लक्ष्य के साथ शुरू हुए जीएसटी को लागू हुए एक महीना हो गया है. देश के सबसे बड़े कर सुधार यानी जीएसटी के लागू होने से पहले और बाद में भी लोगों के मन में बहुत सारे सवाल ओर संशय हैं. इसी बीच शिकायतें आ रही हैं कि जीएसटी के नाम पर किसी उत्पाद पर अगर आपसे एमआरपी से ज्यादा पैसे लिए जा रहे हैं तो ये सरासर गलत है.
जीएसटी लागू होने के बाद उपभोक्ता से किसी उत्पाद के MRP से ज्यादा दाम लिया जाना गलत है. एमआरपी में जीएसटी जुड़ा हुआ हैं इसीलिए ग्राहक को एमआरपी के ऊपर कोई पैसा देने की ज़रूरत नही हैं. लेकिन दुकानदार आपसे एमआरपी के बाद भी जीएसटी के नाम पर कुछ रुपए वसूल रहे हैं तो सतर्क हो जाए क्योंकि यह उपभोक्ता अधिकारों के खिलाफ है.
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के मुताबिक एमआरपी में जीएसटी लगा हुआ हैं इसीलिए उससे ज्यादा दाम में कोई चीज़ आपको नहीं बेची जा सकती. इसके अलावा अगर किसी उत्पाद का एमआरपी, जीएसटी के तहत बढ़ रहा है तो कंपनी को इसकी जानकारी न्यूज़पेपर में एड के ज़रिए देनी होगी और साथ ही नई एमआरपी का स्टीकर पुराने स्टीकर के साथ उत्पाद पर चिपकाना होना. इन सब बदलावों के लिए मंत्रालय ने ट्रेडर्स को 60 दिन का वक्त दिया है.
जीएसटी एक्सपर्ट के मुताबिक कई दुकानदार जानबूझकर एमआरपी के ऊपर जीएसटी के नाम पर चार्ज कर रहे हैं और लोग भी अज्ञानतावश पैसे दे रहे हैं. लेकिन ये बात एकदम साफ हैं कि कोई भी एमआरपी के ऊपर कोई दूसरा टैक्स नहीं लगा सकता. अगर इस तरह का कोई भी बिल आपको मिलता है तो आप केंद्र सरकार के हेल्पलाइन नंबर के ज़रिए उसकी शिकायत कर सकते हैं.