नई दिल्ली: CJI दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग का नोटिस सौंपने के बाद कांग्रेस ने कहा कि हम नहीं चाहते थे कि संवैधानिक ढांचे में यह दिन देखना पड़े, लेकिन लोकतंत्र के प्रति अपने कर्तव्यों को देखते हुए भारी मन से हमें महाभियोग का नोटिस सौंपना पड़ा. हमें उम्मीद है कि राज्यसभा के सभापति वेकैंया नायडू इस नोटिस पर उचित कदम उठाएंगे.
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने प्रेस वार्ता में कहा कि महाभियोग नोटिस पर कुल 71 सदस्यों ने दस्तखत किए हैं, लेकिन इसमें से 7 सदस्य रिटायर हो चुके हैं. ऐसे में अब 64 सदस्य बचे हैं. जो जरूरी संख्या से अधिक है. हम राज्यसभा के सभापति वेकैंया नायडू से मिले. करीब 40 मिनट बातचीत हुई और उन्हें नोटिस सौंप दिया है.
वहीं, कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि सीजेआई दीपक मिश्रा ने अपने पद की मर्यादा का उल्लंघन किया. मुख्य न्यायाधीश का पद बहुत अहम ओहदा होता है और सब इसकी इज्जत करते हैं, लेकिन पिछले दिनों जिस तरह से सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों ने प्रेस वार्ता कर कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए वह दुर्भाग्यपूर्ण है. जजों ने खुद प्रेस वार्ता कर कहा कि लोकतंत्र खतरे में है और उन्होंने न्यायपालिका की स्वतंत्रता से खिलवाड़ का आरोप भी लगाया.