अहमदाबाद: कांग्रेस से नजदीकियां बढ़ा रहे गुजरात के प्रमुख पाटीदार नेता हार्दिक पटेल की मुश्किलें चुनाव से पहले ही बढ़ने लगी हैं. कोर्ट ने हार्दिक पटेल और लालजी पटेल के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है. बुधवार को गुजरात के विसनगर सेशंस कोर्ट ने तोड़फोड़ के मामले में इनके खिलाफ वारंट जारी कर दिया. इस केस की सुनवाइयों के दौरान हार्दिक कोर्ट में पेश नहीं हुए थे. यह मामला साल 2015 का है, जब पाटीदार अनामत समिति की रैली के दौरान एक बीजेपी विधायक के दफ्तर में तोड़फोड़ की गई थी.
इससे पहले, हार्दिक पटेल ने अहमदाबाद के एक होटल में सोमवार को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की खबर को गलत बताया था. उन्होंने न्यूज चैनलों पर दिखाए गए सीसीटीवी फुटेज पर आश्चर्य जताते हुए कहा कि एक 5 स्टार होटल का सीसीटीवी फुटेज लीक कैसे हो सकता है? हार्दिक ने ट्वीट कर कहा, ‘मैं राहुल गांधी जी से नहीं मिला हूं, लेकिन मैं जब भी राहुल गांधी से मिलूंगा, पूरे हिंदुस्तान के सामने घोषणा करके मिलूंगा. मैं उनसे उनके अगले गुजरात दौरे के दौरान मिलूंगा. भारत माता की जय!’
हार्दिक इससे पहले गुजरात में कांग्रेस पार्टी महासचिव अशोक गहलोत से मिले थे. उन्होंने उन्हें कांग्रेस का ‘एजेंट’ कहने वाले भारतीय जनता पार्टी के नेताओं पर प्रहार किया. एक अन्य ट्वीट कर उन्होंने कहा, ‘जो यह कहते हैं कि मैं कांग्रेस का एजेंट हूं, वे वास्तव में भाजपा के एजेंट हैं. भाजपा के नेता क्या कहते हैं, मैं इस पर ध्यान नहीं देता.’