कुलभूषण को बचाने को भारत ने तेज की कोशिशें, PAK से मांगी चार्जशीट और कोर्ट ऑर्डर की कॉपी

410

पाकिस्तान में जासूसी के आरोप में वहां की सैन्य अदालत से मौत की सजा पाए कुलभूषण जाधव को बचाने की भारत सरकार ने कोशिशें तेज कर दी हैं. इस सिलसिले में पाकिस्तान में भारतीय उच्चायुक्त गौतम बंबावाले ने पाकिस्तान की विदेश सचिव तहमीना जंजुआ से मुलाकात की है और उच्चायोग अधिकारियों को कुलभूषण जाधव से मिलने की एक बार फिर इजाजत मांगी है.

इस दौरान बंबावले ने जंजुआ से कुलभूषण के खिलाफ दायर चार्जशीट और पाकिस्तानी सैन्य अदालत के फैसले की कॉपी मांगी है. भारत सरकार जाधव को सुनाई गई फांसी की सजा के खिलाफ अपील करने की तैयारी कर रहा है और इसके लिए वह पाकिस्तान सेना के कानूनों का अध्ययन भी कर रहा है.

वहीं भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों को जाधव से मुलाकात की मांग पर पाकिस्तानी विदेश सचिव ने कहा कि यह जासूसी का मामला है और इसलिए उन्हें मुलाकात की इजाजत नहीं दी सकती. हालांकि भारतीय उच्चायुक्त ने कि अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत जाधव से मिलने की इजाजत है.

उधर इस संबंध में विदेश मामलों के पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के सलाहकार सरताज अज़ीज़ ने आरोप लगाया कि जाधव के पास एक हिन्दू और एक मुस्लिम के नाम से दो पासपोर्ट मिले थे. उन्होंने सवाल किया कि अगर वह निर्दोष हैं तो उनके पास दो पासपोर्ट कैसे आए… वहीं अजीज ने बताता कि जाधव को मिली सजा के खिलाफ अपील के लिए 4 महीने का वक्त है.

कई बार ठुकराया अनुरोध
भारत सरकार ने पिछले साल मार्च से लेकर अब तक जाधव से मुलाकात की 14 बार इजाजत मांग चुका है. लेकिन पाकिस्तान ने हर बार इस अनुरोध को ठुकराया है. विएना संधि के मुताबिक अगर विदेश में किसी भी देश का नागरिक गिरफ्तार होता है तो अपने दूतावास के अधिकारियों से मुलाकात उसका हक होता है.

कानूनी जंग की तैयारी
इस बीच, मोदी सरकार कुलभूषण जाधव को बचाने के लिए कानूनी विकल्पों पर भी विचार कर रही है. इसके लिए मिलिट्री ट्रिब्यूनल में याचिका दायर की जा सकती है. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज कह चुकी हैं कि जाधव को बचाने के लिए सरकार किसी भी हद तक जाएगी.

कहां है जाधव?
भारतीय विदेश मंत्रालय का कहना है कि उन्हें कुलभूषण यादव के ठिकाने या हालत के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है. कुलभूषण पर सेना की अदालत में मुकदमा चलाने की जानकारी भी भारत को नहीं दी गई थी. वहीं, लाहौर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने ऐलान किया है कि अगर कोई वकील जाधव की पैरवी करेगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.