नई दिल्लीः दिल्ली सरकार की जय भीम मुख्यमंत्री प्रतिभा विकास योजना के तहत, कुछ दिन पहले एक स्टूडेंट विजय कुमार ने आईआईटी-जेईई की फ्री कोचिंग का लाभ उठाकर आईआईटी में एडमिशन लिया है। विजय कुमार की कहानी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने ट्विटर हैंडल के माध्यम से बतायी थी। उनके पिता जी दर्ज़ी हैं और उनकी माताजी घर चलाने के लिए घरेलू काम करती हैं। उनकी कहानी को पिछले दिनों में मीडिया और सोशल मीडिया पर काफी प्रसिद्धि मिली। इसी कहानी से प्रेरणा लेकर दिल्ली के डिफेन्स कॉलोनी में रहने वाले वरुण गांधी सामने आए हैं, जो विजय की आईआईटी की चारों सालों की फीस देना चाहते हैं।
रविवार को मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने विजय कुमार और उनके परिवार और उनके स्पॉन्सर वरुण गांधी और उनकी माताजी, दोनों ही परिवारों को साथ बिठाकर एक प्रेस वार्ता सम्बोधित की। उन्होंने कहा, “विजय बेहद गरीब परिवार से आते हैं। बेहद गरीब परिवार के विजय का आईआईटी दिल्ली में एडमिशन हुआ है। विजय पढ़ने में बहुत होशियार हैं। उनके दसवीं में भी बहुत अच्छे नंबर आए थे। इसके बाद उन्होंने आईआईटी में जाने का मन बनाया।”
मुख्यमंत्री जय भीम प्रतिभा विकास योजना के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा, “बहुत से प्रतिभाशाली लेकिन गरीब बच्चे कोचिंग से वंचित रह जाते हैं। इससे गरीब बच्चे, साधन सम्पन्न बच्चों से पीछे रह जाते हैं। साधन सम्पन्न परिवारों के बच्चे बड़े-बड़े कोचिंग इंस्टीट्यूट्स से कोचिंग लेकर आगे निकल जाते हैं। दिल्ली सरकार जय भीम मुख्यमंत्री प्रतिभा विकास योजना के तहत गरीब बच्चों को कोचिंग दिलवाई जाती है। दिल्ली सरकार उसका खर्च उठाती है। विजय ने इसी योजना के तहत कोचिंग ली और उनका आईआईटी, दिल्ली में कैमिकल इंजीनियरिंग में एडमिशन हो गया।”
मुख्यमंत्री ने ये भी कहा, “रविवार को प्रेस कांफ्रेंस इसलिए की क्योंकि विजय की पूरे हफ्ते क्लासेस चलती हैं। हमने विजय से पूछा था कि बुधवार कर लें, गुरुवार कर लें, शुक्रवार कर लें, लेकिन विजय ने कहा कि शनिवार की शाम 7 बजे तक क्लासेस चलती हैं। रविवार को विजय की छुट्टी थी, इसलिए हम ये प्रेस कांफ्रेंस आज कर रहे हैं।”
मुख्यमंत्री ने कहा, “हमारे साथ वरुण गांधी हैं। जब इन्होंने अखबार में पढ़ा कि विजय बेहद गरीब परिवार से हैं और उनका आईआईटी, दिल्ली में एडमिशन हुआ है, तो वरुण ने आगे बढ़कर ऑफर किया कि वो और उनका परिवार विजय की आईआईटी की पूरी पढ़ाई का खर्च उठाएंगे। वरुण गांधी जी बहुत बड़ी प्रेरणा हैं कि अगर समाज पूरा एक साथ आ जाए और समाज ठान ले, जिनके पास पैसे हैं, साधन हैं, वे अपने पैसे और साधन को समाज की सेवा में लगाएं, जैसा वरुण ने किया है, तो हम अपने देश को बहुत ऊंचाइयों पर ले जा सकते हैं.”
वरुण गांधी ने बताया कि विजय कुमार जैसे युवाओं को मौका इसलिए मिल पाया क्योंकि दिल्ली सरकार की शिक्षा नीति हर बच्चे के लिए बनाई गई है। उन्होंने कहा, “भारत के लोग दुनिया के सबसे होशियार लोग होते हैं. उनकी एक ही कमी है, उनके पास संसाधन नहीं है कि वो अपने आपको डेवलप कर सकें। हमारे परिवार के लिए एजुकेशन बहुत ज्यादा महत्त्व रखता हैं।”
अरविंद केजरीवाल ने कहा, “विजय प्रेरणा हैं कि हर बच्चे को सपना देखना चाहिए। पहले गरीबों के बच्चे सपना तो देखते थे लेकिन साधनों के अभाव में उनके सपने पूरे नहीं हो पाते थे। अब मैं दिल्ली के हर बच्चे को कहना चाहता हूं कि आपकी अपनी सरकार है। पैसे की कमी नहीं होने देगी। साधन की कमी नहीं होने देगी। जहां भी आपको शिक्षा में जिस तरह की जरूरत पड़ेगी, हम आपके साथ हैं। बहुत अच्छी पढ़ाई कीजिए। अपने सपने पूरे कीजिए। बढ़-चढ़कर पढ़ाई कीजिए। मेरा मानना है कि शिक्षा ही एक ऐसी चीज है जो इस देश को आगे ले जा सकती है। अगर हमने अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं दी तो ये देश कभी आगे नहीं बढ़ सकता। वहीं, वरुण गांधी जी बहुत बड़ी प्रेरणा हैं कि अगर समाज पूरा एक साथ आ जाए और समाज ठान ले, जिनके पास पैसे हैं, साधन हैं, वे अपने पैसे और साधन को समाज की सेवा में लगाएं, जैसा वरुण ने किया है, तो हम अपने देश को बहुत ऊंचाइयों पर ले जा सकते हैं।”
प्रेस कांफ्रेंस में विजय ने कहा कि मैंने एक ही सरकार देखी है, केजरीवाल सरकार, जिसने शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में इतना शानदार काम किया है। केजरीवाल सरकार के कारण मैं आईआईटी में पहुंच पाया हूं। मेरे जैसे और भी बच्चे हैं, जो मेहनत करें, तो आईआईटी में जा सकते हैं, उन्हें तब तक पैसे की कोई कमी नहीं होगी जब तक दिल्ली में केजरीवाल सरकार है।
इस मौके पर विजय के पिता जी ने कहा कि हमारे लिए यह बहुत बड़ी बात है। मैं चाहता हूं कि विजय की तरह और बच्चे भी अपने सपनों को पूरा करें। प्रेस कांफ्रेंस में वरुण गांधी ने कहा कि ये मेरे लिए एक पूजा समान है। किसी मंदिर में दान देने से बेहतर है कि किसी गरीब बच्चे की मदद करना। ऐसे बच्चों की मदद करना बेहद जरूरी है जिनके पास साधन नहीं है।