केस के आबंटन को लेकर शांति भूषण की जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला सुरक्षित
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश द्वारा केसों के आवंटन करने के मामले में अटॉर्नी जनरल ने कहा कि सीजेआई ही मास्टर ऑफ रोस्टर हैं. अटॉर्नी जनरल ने कहा कि सीजेआई ही केसों का बंटवारा करे ये सबसे बेहतर विकल्प है, क्योंकि अगर कोलेजियम तय करेगा तो अलग-अलग जज कहेंगे कि फलां केस हमें दिया जाए और इससे हितों का टकराव होगा.
वहीं प्रशांत भूषण और दुष्यंत दवे ने कहा कि सीजेआई का मतलब कॉलेजियम होता है और जिस तरह से जजों के सिलेक्शन कॉलेजियम करता है, वैसे ही केसों का बंटवारा भी कॉलेजियम करे. उन्होंने कहा कि या फिर फुल कोर्ट बैठे और केसों के बंटवारे का फैसला करे. जस्टिस ए के सीकरी और जस्टिस अशोक भूषण ने मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है.
चीफ जस्टिस के मास्टर ऑफ रोस्टर के तहत केसों के आवंटन पर सवाल उठाने वाली शांति भूषण की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा था. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने AG से केस में सहयोग मांगा था. कोर्ट ने सहयोग मांगा कि जजों की नियुक्ति का तरह क्या संवेदनशील केसों के आवंटन के मामले में CJI का मतलब कॉलेजियम होना चाहिए.