कोलंबो: भारतीय कोच रवि शास्त्री ने टीम के साथ दूसरे कार्यकाल में खिलाड़ियों की तैयारी के स्टाइल में थोड़ा बदलाव किया है, हालांकि अभी यह शुरू ही हुआ है लेकिन इसका तुरंत प्रभाव देखा जा सकता है. शास्त्री ने जो कुछ अहम चीजें लागू की हैं, उसमें यह बात महत्वपूर्ण है कि कैसे बल्लेबाज अब मध्यक्रम में बल्लेबाजी के लिये तुरंत तैयार रहते हैं. बल्लेबाजी क्रम से इसका कुछ लेना देनानहीं है, बल्कि मध्यक्रम में बल्लेबाजी के लिये उतरने से पहले ‘वार्मिंग अप’ में नयापन लाया गया है.
गाले में ही यह साफ हो गया जब शिखर धवन और अभिनव मुकुंद की भारतीय जोड़ी पहले टेस्ट में टीम के अन्य सदस्यों से पहले मैदान पर पहुंची. इसका मकसद यही था कि नेट पर पहुंचो और गेंद हिट करना शुरू करो क्योंकि भारत पहले बल्लेबाजी भी कर सकता है. इस मैच में कोहली ने टास जीता और अच्छा वार्म अप करने वाले धवन ने पहली पारी में 168 गेंद में 190 रन बनाये.
जब तक सलामी बल्लेबाज पवेलियन पहुंचे, चेतेश्वर पुजारा ने यह बदला हुआ अपना रूटिन पूरा कर लिया जबकि विराट कोहली नेट पर थे. यह निश्चित रूप से पिछली बार से अलग तरह का प्रयोग था और टीम का इसमें स्वागत किया गया. कोच शास्त्री ने यह नयी प्रक्रिया इसलिये शुरू की कि टीम को मैदान पर भी अपना नंबर एक का दर्जा दिखाना चाहिए.