कोछड़ के उत्तराधिकारी पर बैंक से मांगा स्पष्टीकरण

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आईसीआईसीआई बैंक में करीब 300 अरब रुपये से ज्यादा का निवेश करने वाले म्युचुअल फंडों (एमएफ) के प्रमुखों ने बैंक के चेयरमैन एम के शर्मा से हालिया फर्जीवाड़े के बाद उत्तराधिकारी के बारे में सवाल पूछे हैं। समझा जाता है कि वीडियोकॉन को दिए गए कर्ज मामले में विवाद पर उत्तराधिकारी देने के लिए शर्मा ने फंड हाउसों के शीर्ष अधिकारियों से अलग से मुलाकात की थी। सूत्रों ने कहा कि 21 लाख करोड़ रुपये के म्युचुअल फंड उद्योग ने बैंक के समक्ष कई सवाल उठाए। उनमें प्रमुख यह था कि आईसीआईसीआई बैंक की मुख्य कार्याधिकारी एवं प्रबंध निदेशक चंदा कोछड़ के पद छोडऩे की स्थिति में क्या कोई वैकल्पिक या उत्तराधिकार योजना बनाई है। उद्योग के अधिकारियों ने इस बारे में भी उत्तराधिकारी मांगा है कि दो साल पहले जब यह मामला सामने आया था तब बैंक के बोर्ड ने इस पर क्या कार्रवाई की थी। इसके साथ ही यह भी पूछा गया है कि जब केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा इस मामले की जांच शुरू की गई थी तब एक्सचेंजों को इस बारे में जानकारी क्यों नहीं दी गई थी।  

सूत्रों के अनुसार शर्मा ने शेयरधारकों से कहा कि ‘संस्थान किसी भी व्यक्ति से बड़ा होता है’। इस बारे में जानकारी के लिए आईसीआईसीआई बैंक के प्रवक्ता को ईमेल किया गया लेकिन उसका जवाब नहीं आया। उद्योग से जुड़े एक अधिकारी ने कहा, ‘ऐक्सिस बैंक के मामले के बाद कोष प्रबंधकों के बीच इस बात का डर है कि कोछड़ भी पद से इस्तीफा दे सकती हैं। इस अनिश्चितता की वजह से शेयर कीमतों में गिरावट की चिंता सता रही है। हालांकि उनकी ओर से कोछड़ को हटाए जाने की मांग नहीं की गई है।’ इस महीने की शुरुआत में ऐक्सिस बैंक की प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी शिखा शर्मा ने अपने दो साल  के कार्यकाल को कम करने की घोषणा की थी। समझा जाता है कि भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा बैंक बोर्ड को उनकी पुनर्नियुक्ति पर फिर से विचार करने को कहे जाने के बाद शिखा शर्मा ने यह फैसला किया।

म्युचुअल फंड उद्योग की कुल इक्विटी परिसंपत्ति में करीब 4 फीसदी निवेश आईसीआईसीआई बैंक में है। देश की कुछ बड़ी म्युचुअल फंड योजनाओं में आईसीआईसीआई बैंक के शेयर का भारांश 9 फीसदी से भी अधिक है।  इन योजनाओं में एचडीएफसी टॉप 200, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल बैलेंस्ड फंड, आदित्य बिड़ला सन लाइफ फ्रंटलाइन इक्विटी फंड और फ्रैंकलिन टेंपलटन हाई ग्रोथ कंपनीज फंड शामिल हैं।

नकारात्मक खबरों के बावजूद अधिकांश कोष प्रबंधक आईसीआईसीआई बैंक में बड़ी बिकवाली नहीं की है। इसके उलट गिरावट के समय कोष प्रबंधकों ने इसके शेयर खरीदे हैं और मार्च में 9.5 अरब रुपये से ज्यादा का निवेश किया गया है। म्युचुअल फंडों के निवेश जारी रहने के कारण तमाम उथल-पुथल के बावजूद बैंक को अपने शेयर में अधिक गिरावट से बचने में मदद मिली।