बिहार में कोरोनावायरस के कहर के बीच ही एईएस (एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम) से निबटना भी चुनौती बन गयी है। इंसेफेलाइटिस का खतरा भी मंडराने लगा है।
मुजफ्फरपुर में इस बीमारी से पीड़ित आदित्य नाम के बच्चे की दो दिन पहले मौत से हड़कंप मचा हुआ है। खास बात यह है कि बिहार में इस बार एईएस ने मार्च में ही दस्तक दे दी है। एईएस को लेकर सभी को अलर्ट कर दिया गया है। इससे पहले इस बीमारी की शुरुआत अप्रैल के अंत या मई के शुरुआती सप्ताह में होती थी।
मालूम हो कि बिहार में हर साल इस बीमारी से दर्जनों बच्चों की मौत होती है। इस बीमारी ने पिछले साल करीब 200 बच्चों की जान ले ली थी। स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव सचिव संजय कुमार ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने एईएस से निबटने की पूरी तैयारी की है। इस दिशा में काम किया जा रहा है। बताया कि 100 बेड का पिकू वार्ड लगभग तैयार है। उसमें आवश्यक मशीन एवं उपकरण लगाए जा रहे हैं। वहीं, एसकेएमसीएच में भी बच्चों के इलाज की व्यवस्था दुरुस्त की जा रही है।