एशियाई विकास बैंक (एडीबी) का मानना है कि कोरोना वायरस की वजह से एशियाई अर्थव्यवस्थाओं को बड़ा झटका लग सकता है। इससे वैश्विक अर्थव्यवस्था को 77 से 347 अरब डॉलर का नुकसान होगा।
एडीबी ने शुक्रवार (6 मार्च) को इस बारे में अपना विश्लेषण पेश किया है। इसमें कहा गया है कि वायरस की वजह से विकासशील अर्थव्यवस्थाओं को कई तरीकों से चोट पहुंचेगी। इनमें घरेलू मांग में भारी गिरावट, पर्यटन और कारोबार के लिए यात्रा में कमी, व्यापार और उत्पादन घटने, आपूर्ति बाधाएं और स्वास्थ्य प्रभाव शामिल हैं।
एडीबी ने कहा कि अर्थव्यवस्था कितना नुकसान पहुंचता है यह इस बात पर निर्भर करेगा कि वायरस कितना फैलता है। हालांकि, इसको लेकर चीजें अभी अनिश्चित हैं। विश्लेषण के आधार पर एडीबी का आकलन है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था को इससे 77 से 347 अरब डॉलर का नुकसान पहुंचेगा। यह वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का 0.1 से 0.4 प्रतिशत होगा।
एडीबी ने कहा कि विभिन्न देशों द्वारा उठाए गए एहतियाती कदमों और तीन महीने बाद यात्रा पर अंकुश में ढिलाई से हो सकता है कि यह प्रभाव कुछ कम रहे। ऐसी स्थिति में भी वैश्विक अर्थव्यवस्था का नुकसान 156 अरब डॉलर रह सकता है। यह वैश्विक जीडीपी का 0.2 प्रतिशत होगा।
एडीबी के मुख्य अर्थशास्त्री यासुयुकी सवादा ने कहा कि चीन को इससे 103 अरब डॉलर यानी अपने जीडीपी का 0.8 प्रतिशत का नुकसान होगा। शेष विकासशील एशियाई देशों को 22 अरब डॉलर या जीडीपी का 0.2 प्रतिशत का नुकसान होगा। मनीला मुख्यालय वाले एशियाई विकास बैंक ने फरवरी में जानलेवा वायरस से निपटने को एशियाई देशों को 40 लाख डॉलर की मदद की घोषणा की थी। दुनिया भर में इस वायरस से 3,000 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है।