केंद्र स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से दिल्ली में गलती से कोरोना वायर से दूसरी मौत की पुष्टि करने के बाद दिल्ली सरकार ने बुधवार को महामारी अधिनियम के तहत कोविड-19 वायरस के संक्रमण से मरने वाले लोगों के अवशेषों को संभालने के लिए दिशानिर्देशों की अधिसूचना जारी की है। बुधवार को आए पांच नए पॉजिटिव केसों के साथ दिल्ली में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या 35 तक पहुंच गई है, इनमें एक मौत भी शामिल है।
महामारी रोग अधिनियम के तहत अधिसूचना का मतलब है कि उन लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है जो दिशानिर्देशों का पालन नहीं करते हैं। दिल्ली सरकार द्वारा अधिसूचित किए गए दिशानिर्देशों में कहा गया है कि भारत वर्तमान में अपने अस्पतालों में मामूली लक्षणों वाले लोगों के साथ ही सभी पॉजिटिव मरीजों का इलाज कर रहा है।
इस बीच अगर किसी अस्पताल में कोविड-19 के मरीज की मृत्यु हो जाती है तब प्रशिक्षित कर्मचारी ही उस मृतक के शव को पैक करेंगे, इसे सैनेटाइज करेंगे और इसे स्टोर करेंगे। शव गृह में सहायता के लिए श्मशान या कब्रिस्तान में प्रशिक्षित कर्मचारियों के साथ एक शव वाहन भेजें। इसके बाद उस शव वैन को सैनेटाइज किया जाना है। अस्पताल यह भी तय कर सकता है कि पोस्टमार्टम की जरूरत है या नहीं।
अस्पताल के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि कल मरने वाले व्यक्ति के मामले में कोविड-19 टेस्ट नेगेटिव आया था। यह एक सामान्य मौत थी और इसलिए सभी व्यावहारिक उद्देश्यों के लिए इन प्रोटोकॉल का पालन करने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन हमने परिवार को कुछ एहतियात के तौर पर कुछ दूरी बनाए रखने के लिए कहा है।
घर में एक कोविड-19 रोगी की मृत्यु होने की स्थिति में यह प्रोटोकॉल को भी सूचीबद्ध करता है। इन दिशानिर्देशों में कहा गया है कि मृतक के परिजनों को तुरंत जिला मजिस्ट्रेट को सूचित करना चाहिए, जो बदले में, लोक नायक अस्पताल या राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल को सूचित करेंगे। अस्पताल प्रशिक्षित कर्मचारियों को शरीर को पैक करने, सैनेटाइज करने और ठीक से संचालन करने का प्रशिक्षण देंगे। अस्पताल 25 मार्च के आदेश के अनुसार, शव को श्मशान या कब्रिस्तान में ले जाने के लिए एक शव वैन प्रदान करेगा।
दिल्ली सरकार ने इससे पहले 19 मार्च को अपने सभी विभागों को स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा-निर्देश जारी किए थे।