मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर चल रहे घर-घर सर्वे के साथ ही आगे की रणनीति भी बनाएं। पल्स पोलियो अभियान की तर्ज पर चल रहे घर-घर सर्वे में अभी तक करीब 34 लाख घरों के एक करोड़ 84 लाख लोगों का सर्वे किया गया है। इनमें मात्र 980 लोगों में सामान्य बीमारी जैसे- सर्दी, खांसी और बुखार के लक्षण पाए गए हैं। यह लॉकडाउन का परिणाम है, जिसके कारण अन्य बीमारियों में भी कमी आई है। मुख्यमंत्री ने रविवार को एक अणे मार्ग में राज्य के मुख्य सचिव समेत अन्य आलाधिकारियों के साथ लॉकडाउन में रोजगार सृजन के कार्यों की मुख्य रूप से समीक्षा की और कई निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि कोरोना संक्रमण के साथ ही बर्ड फ्लू और स्वाइन फीवर को लेकर भी सतर्क रहें। मुजफ्फरपुर और आस-पास के इलाकों में एईएस और गया के क्षेत्रों में जेई को लेकर भी पूरी तरह से सचेत रहें। जेई की वैक्सिन की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चि करने का भी निर्देश उन्होंने दिया है।
मजदूरों को काम मिलने में कठिनाई ना हो
मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया है कि सात निश्चय के कार्यक्रम के तहत हर घल नल का जल, हर घर तक पक्की नाली-गली तथा शौचालय निर्माण, जल-जीवन-हरियाली और मनरेगा के तहत तालाबों-पोखरों का जीर्णोद्धार जैसे कार्य तेजी से कराएं। ताकि रोजगार सृजन ज्यादा से ज्यादा हो, ताकि मजदूरों को काम मिलने में कठिनाई ना हो। उन्होंने कहा कि मनरेगा के अंतर्गत एक एकड़ से कम क्षेत्र वाले तालाबों का निर्माण भी शीघ्रता से कराएं। जल संसाधन विभाग कटाव निरोधक और बाढ़ सुरक्षात्मक कार्यों को समय पर पूरा कराए। इससे अधिक-से-अधिक जरूरतमंद लोगों अथवा मजदूरों को रोजगार मिल सकेगा। साथ ही बाढ़ सुरक्षात्मक कार्य पूर्ण हो सकेंगे। उन्होंने स्पष्ट कहा है कि रोजगार सृजन के क्रम में दिशा-निर्देश के अनुरूप स्थानीय मजदूरों का उपयोग किया जाये। साथ ही स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिज्योर का पालन सुनिश्चित काया जाये।