जमशेदपुर : नोवामुंडी प्रखंड भारी बारिश की वजह से पिछले तीन दिनों में झारखंड के कई जिलों में जन जीवन अस्त-व्यस्त है. लोग इस बारिश में घरों में दुबके हुए हैं. सड़क मार्गों पर पानी भरा हुआ है. कई नदियां उफान पर हैं. पुल-पुलिया बह गये हैं. हम नजर डालते हैं पश्चिमी सिंहभूम में बारिश के असर पर. गुवा-सलाई सड़क में पेड़ गिरने से गंगदा, घाटकुड़ी, रोवाम, पेचा कसिया कट गये. गुवा में तीन घर गिरे. गुवा का नुईया-सलाई मार्ग पानी में बहा. टोंटो प्रखंड में सात घर गिरे.
चाईबासा : बाढ़ का खतरा बढा. डीसी ने तबाही वाले इलाके के ग्रामीणों से की अपील, गांव छोडकर सुरक्षित स्थान पर चले जायें ग्रामीण. सौ नंबर डायल कर आपदा की सूचना दें. बंदगांव घाटी में कुछ सड़क कट गये हैं. नयी सड़कों के बनाने का कार्य ठप है. गुवा व बडाजामदा में पानी घरों तक पहुंच गया है.
चक्रधरपुर : मालुका पुश ब्रिज की मिट्टी धंस गयी है. 12 घंटे ठप रही डाउन लाइन. बालू के बोरों से लाइन पर मिट्टी का कटाव रोका गया है. सरकारी स्कूलों में पानी घुस गये हैं दत आदि चू रहे हैं. वहीं बन्दगांव में लांडूपोदा पंचायत के राजविजयपुर से चक्रधरपुर जाने वाले मार्ग में एक विशाल वट वृक्ष गिर जाने से पूरा मार्ग अवरुद्ध हो गया है.
जमशेदपुर : चार दिन में अबतक 447.2 मिलीमीटर बारिश हुई है, जो इस महीने औसत से 404.4 मिलीमीटर बारिश से अधिक है. इस माह औसतन 333.3 मिलीमीटर बारिश होने का पूर्वानुमान था. इस महीने 1 जुलाई से अब तक कुल 737.7 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गयी है. बुधवार को शहर के सभी प्राइवेट, सरकारी, अल्पसंख्यक, स्थापना अनुमति हर प्रकार के स्कूल बंद कर दिये गये हैं. 8वीं तक बंदी का आदेश जारी कर दिया गया है.
जमशेदपुर पानी से घिरा, कई माल कंपनियों के फंसे, टापू बन चुका है शहर
एनएच से गुजरना मुश्किल है. रांची जाने के लिए एक मात्र रास्ता बच गया है, पारडीह की मेन सड़क. कांड्रा चांडिल का पुल टूटा हुआ है, वहां का डायवर्सन बह चुका है. कांड्रा से चौका जाने वाले रास्ते का पुल भी टूट चुका है और इस पुल के बदले बनाया गया डायवर्सन भी अब पानी में बह गया है. बहरागोड़ा के पास का एनएच पर बनाया गया डायवर्सन भी बह चुका है. मानगो इलाके में करीब 165 मकान, कदमा शास्त्रीनगर में करीब 100 मकान, सोनारी के आदर्शनगर व आसपास के करीब 70 मकान तथा बागबेड़ा व परसुडीह इलाके में करीब 200 मकान अब भी पानी से घिरे हैं. बागबेड़ा में कुछ इलाकों में पानी उतरा तो लोग घरों में लौटे हैं. साकची टीबी अस्पताल से पानी निकाला गया, काम-काज शुरू हुआ.