पटना [जेएनएन]। गया रोडरेज केस में आदित्य सचदेवा की हत्या के मामले में रॉकी यादव दोषी पाया गया है। इस केस में आज गया सिविल कोर्ट के एडीजी-1 के न्यायालय ने रॉकी सहित सभी चार आरोपियों को दोषी करार देते हुए उनकी सज़ा के लिए छह सितंबर 2017 की तारीख मुकर्रर की है।
अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश सच्चिदानंद प्रसाद सिंह की अदालत ने मुख्य अभियुक्त रॉकी यादव को आईपीसी की धारा 302 (हत्या) के तहत दोषी ठहराया है। वहीं उसके चचेरे भाई टेनी यादव और बॉडीगार्ड को भी आईपीसी की धारा 302 के तहत दोषी करार दिया है।
अदालत ने रॉकी के पिता बिंदी यादव धारा 212 के तहत यानि आरोपी को शरण देने का दोषी ठहराया है। आरोपी रॉकी ने कोर्ट में सुनवाई से पहले परिसर में बने मंदिर के पुजारी को रुपये चढ़ाने के लिए दिए।
रॉकी पर आरोप है कि 12वीं के छात्र आदित्य सचदेवा की गोली मारकर हत्या सिर्फ इसलिए कर दी, क्योंकि उसने रॉकी की कार को ओवरटेक किया था। पिछले साल 7 मई को रॉकी यादव ने आदित्य की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
सुप्रीम कोर्ट ने दिया था आदेश- 11 सितंबर से पहले हो फैसला
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया था कि 11 सितंबर से पहले इस मामले में फैसला आना चाहिए। सभी आरोपियों को आज कोर्ट में पेशी के बाद जेल भेज दिया गया है।
रॉकी की पेशी से पहले गया कोर्ट छावनी में था तब्दील
रॉकी की पेशी से पहले गया कोर्ट परिसर को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया था। चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल की तैनाती की गई थी।इस हत्याकांड का मुख्य आरोपी रॉकी यादव दबंग एमएलसी मनोरमा देवी का पुत्र है।15 महीने, 23 दिन में आदित्य हत्याकांड की सुनवाई पूरी हो गई थी और आज इस हत्याकांड पर कोर्ट का ने चारों आरोपियों को दोषी करार दिया है।
आदित्य सचदेवा मर्डर केस में चार अभियुक्त हैं-
1. मुख्य आरोपी राकेश रंजन यादव उर्फ राकी यादव
2. राकी के पिता बिंदेश्वरी यादव उर्फ बिंदी यादव
3. राकी का चचेरा भाई टेनी यादव
4.अंगरक्षक राजेश कुमार
कोर्ट में पेशी के पहले आरोपी रॉकी यादव को गया कोर्ट परिसर के हाजत में रखा गया था। जहां सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। कोर्ट जाने से पहले रॉकी ने मंदिर में भगवान को नमन किया। पूरे कोर्ट परिसर में गहमागहमी का माहौल रहा।
7 मई 2016 को हुई थी आदित्य की हत्या
आदित्य सचदेवा हत्याकांड गया शहर के रामपुर थाना क्षेत्र में 7 मई 2016 को हुई थी, जिसमें कांड संख्या 130/16 के तहत केस दर्ज किया गया था। जिसमें भादवि की धारा 341,323,307,302,427/34एवं 27 आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है। आदित्य सचदेवा हत्याकांड की प्राथमिक मृतक के भाई आकाश सचदेवा के बयान पर दर्ज की गई थी।
बोधगया से गया लौटने के क्रम में आदित्य की हुई हत्या
वो 7 मई 2016 का ही दिन था, जब बोधगया से गया लौटने के क्रम में रोडरेज के दौरान छात्र आदित्य सचदेवा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। आदित्य के साथ उसके चार अन्य दोस्त भी कार में सवार थे। उसका कुसूर बस इतना था कि उसने मनोरमा देवी के पुत्र रॉकी यादव की गाड़ी को साइड नहीं दी थी।
रॉकी यादव पर आदित्य सचदेवा की हत्या का आरोप लगा है। लैंड रोवर पर सवार रॉकी एवं उसकी विधान पार्षद मां मनोरमा देवी के बॉडीगार्ड राजेश कुमार ने उन्हें रोका और पहले मारपीट की। भागने के क्रम में पीछे से चली गोली आदित्य के सिर में लगी और उसकी मौत हो गई।
इस हत्याकांड में राकेश रंजन यादव उर्फ रॉकी एवं राजेश कुमार को नामजद अभियुक्त बनाया गया था। बाद में अनुसंधान के क्रम में मुख्य आरोपी रॉकी के पिता सह गया जिला परिषद के पूर्व अध्यक्ष बिंदेश्वरी प्रसाद उर्फ बिंदी यादव और उसके चचेरे भाई राजीव कुमार उर्फ टेनी यादव को भी आरोपी बनाया गया। इन चारों आरोपियों पर अदालत में ट्रायल चला।
फैसले में वैज्ञानिक साक्ष्य की भूमिका अहम
मामले के लिए गठित एसआईटी ने घटनास्थल, मृतक आदित्य सचदेवा की कार, आदित्य के कपड़े से खून के नमूने सहित कई साक्ष्य इकठ्ठे किये थे। साथी ही रॉकी यादव का पिस्टल जब्त कर फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया था। इस मामले में पुलिस की ओर से कोर्ट में 462 पन्नों की चार्जशीट में हत्याकांड के आरोपितों के खिलाफ प्रमाण दिये गये थे।
आदित्य की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को भी साक्ष्य के रूप में दिया गया। आदित्य के सर में गोली से हुए जख्म और रॉकी के पिस्तौल से बरामद गोली का भी मिलान किया गया। इसके अलावा रॉकी द्वारा प्रयोग किया जानेवाले मोबाइल नंबरों की सीडीआर भी कोर्ट को सौंपी गयी ।
आदित्य के दोस्तों ने आरोपियों को पहचानने से किया इंकार
आदित्य के साथ गाड़ी में सवार उसके चारों दोस्तों ने घटना का समर्थन तो जरूर किया, परंतु आरोपी के पहचानने के बिंदु पर होस्टाईल हो गए। अदालत में गवाही के दौरान आरोपियों को पहचानने से इनकार कर दिया।
दो जजों ने की है आदित्य हत्याकांड की सुनवाई
इस केस का ट्रायल पहले एडीजे-9 सुरेश प्रसाद मिश्रा की अदालत में शुरू हुआ। परंतु बाद में इसे एडीजे-वन सच्चिदानंद सिंह की अदालत में स्थानांतरित कर दिया गया।
हाईप्रोफाइल है रॉकी यादव
भारत सरकार के खेल मंत्रालय द्वारा रॉकी रिनाउंड शूटर घोषित है। राइफल्स एसोसिएशन के सदस्य की हैसियत से वह पांच हथियार रखने का अधिकारी है। रॉकी राजनैतिक पृष्ठभूमि वाले परिवार से है। रॉकी की मां मनोरमा देवी बिहार विधान परिषद की सदस्य हैं, तो पिता बिन्देश्वरी प्रसाद उर्फ बिंदी यादव गया जिप के अध्यक्ष रह चुके हैं।
आदित्य के माता-पिता को है न्यायालय के फैसले पर भरोसा
आदित्य हत्याकांड पर गुरूवार का दिन सचदेवा परिवार के लिए काफी महत्वपूर्ण रहा। आदित्य के पिता श्याम सचदेवा ने कहा है कि इस फैसले का इंतजार समाज और देश को था। कोर्ट के फैसले पर भरोसा था और नई सुबह की उम्मीद के साथ पूरी आशा थी कि हमें न्याय मिलेगा।
आदित्य के माता-पिता कोर्ट के फैसले से खुश हैं, उनकी आंखों में अपने बेटे का दर्द अब भी छलक रहा है। वो रॉकी यादव को कड़ी से कड़ी सजा दिलाना चाहते हैं ताकि फिर कोई मदांध होकर किसी की हत्या ना कर सके।
आदित्य की मां ने कहा- दोस्तों की मजबूरी को कानून समझ रहा है
मां चांंद सचदेवा को चश्मदीद रहे दोस्तों के गवाही में मुकरने का मलाल है, फिर भी बेटे की हत्या करने वालों को कड़ी सजा मिलने की पूरी उम्मीद जताती है। बताया कि दोस्तों के साथ क्या मजबूरी थी, कानून सब समझ रहा। न्याय के मंदिर से हमेशा रोशनी निकलने की बात कही।
आदित्य हत्याकांड में कब क्या हुआ…..
– 7 मई 2016 : आदित्य की हत्या
– 9 मई 2016 : चश्मदीद गवाहों का धारा 164 के तहत कोर्ट में बयान
– 9 मई 2016 : बिंदी यादव और बॉडीगार्ड राजेश कुमार की गिरफ्तारी
– 10 मई 2016 : राकेश रंजन यादव उर्फ राॅकी की गिरफ्तारी
– 17 मई 2016 : आरोपी राजीव कुमार उर्फ टेनी यादव का आत्मसमर्पण
– 21 नवंबर 2016 : अदालत में अारोप गठित
– 25 अगस्त 2017 : अदालत में सुनवाई पूरी
अभियोजन पक्ष से 30 गवाह
घटना के सूचक, आदित्य के अन्य परिजन, पुलिस अधिकारी, एफएसएल के अधिकारियों व बैलेस्टिक विशेषज्ञ समेत कुल 30 लोगों ने अभियोजन पक्ष की ओर से गवाही दी। बैलेस्टिक विशेषज्ञ व एफएसएल टीम की गवाही को अहम माना जा रहा है। टीम ने समर्थन किया है कि रॉकी के पास मौजूद पिस्टल वाली बोर की गोली से ही आदित्य की जान गई है।