मस्तीपुर/रोसड़ा : शहर से बिल्कुल सटे गोविंदपुर गांव में छठ पूजा मनाने का तौर तरीका इस क्षेत्र के लिए सांप्रदायिक सौहार्द्र का बेमिसाल उदाहरण है. धर्म व जाति से परे होकर हिंदू-मुस्लिम दोनों मिलकर छठ पूजा काफी शानदार ढंग से सम्पन्न करते हैं.
छठ पूजा को लेकर आज गुरुवार को गांव के मध्य विद्यालय में नवयुवक छठ पूजा समिति के बैनर तले एक बैठक आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता मो.अफरोज ने की. बैठक में शामिल सदस्यों ने छठ पूजा को हर्ष उल्लास के साथ मनाने के लिए जरूरी कार्यों की रूप रेखा तैयार की. सभी ने तन-मन—धन से इस पुण्य कार्य को सफल बनाने का आश्वासन दिया.
बता दें कि छठ पूजा तो हिंदुओं का एक महत्वपूर्ण पर्व है पर गोविंदपुर की छठ पूजा की बात कहें तो यहां पर्व में चार चांद लगाने वाली बात यह है कि जहां एक ओर देश और राज्य साम्प्रदायिक व जातीय विद्वेष से आहत है, वहीं गोविंदपुर की छठ पूजा आपसी प्रेम और सौहार्द्र का शानदार उदाहरण है. यहां अभी भी छठ पूजा समिति के अध्यक्ष मो.अफरोज मुस्लिम समुदाय से ही हैं. साथ ही दर्जनों कार्यकर्ता भी इसी मुस्लिम समुदाय से आते हैं. यहां सभी मिलकर पर्व मनाते हैं.
इसके अलावा एक खास बात यह है कि इस गांव में छठ पूजा के शुभ अवसर पर सामाजिक सौहार्द्र रखने की शिक्षा देने हेतु ज्ञानप्रद नाटक का मंचन करने की परंपरा है. इसमें हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदाय के लोग दिलचस्पी से भाग लेते हैं. अगर नाटक मंचन की बात करें तो गांव के ही सुरेंद्र कुमार सिंह ‘मुन्ना’ का कहना है कि यह लगभग 80 के दशक से ही चला आ रहा है.
इनका कहना है कि आज हमारे गांव की सामाजिक व्यवस्था में इस परम्परा की एक अहम भूमिका है. आज के बैठक में अशोक साह, सकलदेव पासवान, मोहन सिंह, पंचायत समिति सदस्य अरविंद पासवान, पंकज सिंह, फेकन सिंह, मो. लालो, दिलीप साह, मुस्तकीम, तबरेज, मो. हासिब, जाकिर समेत गांव के दर्जनों लोग शामिल थे.