चांद की सतह पर लैंडर विक्रम का पता चला, ऑर्बिटर ने तस्वीरें लीं; संपर्क की कोशिशें जारी: इसरो

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प्रतीकात्मक फोटो।

नई दिल्ली. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (इसरो) ने चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम का पता लगाने में सफलता हासिल की है। इसरो के चेयरमैन डॉ. के सिवन ने रविवार को बताया कि चंद्रमा पर विक्रम लैंडर का पता लग चुका है। ऑर्बिटर ने लैंडर की कुछ तस्वीरें (थर्मल इमेज) ली हैं। विक्रम से संपर्क की कोशिशें जारी हैं। हालांकि, ऑर्बिटर के द्वारा ली गईं लैंडर की तस्वीरें इसरो तक पहुंचना बाकी हैं।

इसरो लैंडर विक्रम से संपर्क साधने की कोशिशों में जुटा है। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि दोबारा संपर्क स्थापित करने का वक्त गुजर चुका है और इसकी संभावनाएं बहुत कम हैं। मिशन से जुड़े वैज्ञानिकों ने कहा कि यह अच्छा संकेत है कि विक्रम सोलर पैनल की मदद से बैटरी चार्ज कर उर्जा पैदा कर लेगा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अगर चांद की सतह पर विक्रम की हार्ड लैंडिंग हुई है तो इससे उसे नुकसान पहुंचने की आशंका है। वह अपने चार लेग पर उतरा होगा, इसकी संभावना बहुत कम है।

इसरो 7 सितंबर को अंतरिक्ष विज्ञान में इतिहास रचने के करीब था, लेकिन चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम का लैंडिंग से महज 69 सेकंड पहले पृथ्वी से संपर्क टूट गया। चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर विक्रम की शुक्रवार-शनिवार की दरमियानी रात 1 बजकर 53 मिनट पर लैंडिंग होनी थी। इसके बाद सिवन ने कहा कि भारतीय मिशन करीब 99% सफल रहा। सिर्फ आखिरी चरण में लैंडर से संपर्क टूटा था।