नई दिल्ली: चिक्तिसकीय लापरवाही के मामले में दिल्ली स्थित देश के शीर्ष चिकित्सा संस्थान एम्स को बड़ा झटका लगा है. डाक्टरों द्वारा चिकित्सकीय लापरवाही से 20 साल के एक युवक की मौत मामले में एम्स मृतक के परिवार को तीन लाख रुपये का मुआवजा देगा. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा इस संबंध में की गई सिफारिश को एम्स ने मान लिया है. मृतक के पिता एम्स में ही कर्मचारी हैं.
यह मामला अगस्त 2016 का है, जब भरत अगारिया नाम के डेंगू पीड़ित एक युवक को एम्स में भर्ती कराया गया था. आईसीयू में भर्ती कराने के बाद युवक की मौत हो गई थी और उसके परिवार ने चिकित्सकीय लापरवाही का आरोप लगाते हुए मानवाधिकार आयोग में एक शिकायत दी थी.
आयोग ने इस संबंध में केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव को नोटिस भेजकर चार हफ्तों में रिपोर्ट मांगी थी. मंत्रालय ने इस मामले की जांच के लिए एक समिति बनाई और समिति ने संबंधित डाक्टरों को चिकित्सकीय लापरवाही का दोषी पाया था.
आयोग के सहायक रजिस्ट्रार :विधि: द्वारा यहां जारी पत्र के अनुसार, मंत्रालय के अवर सचिव ने उन्हें जानकारी दी है कि एम्स ने परिवार को तीन लाख रुपये मुआवजे के तौर पर देने की आयोग की सिफारिश पर सहमति जताई है.