सलमान खुर्शीद ने भी सवाल उठा दिया, कहा- ये हर पार्टी में होता है कि कामयाबी पर कोई कुछ नहीं कहता है और नाकामी पर सब टिप्पणियां करने लगते हैं
बिहार विधानसभा चुनाव और हाल में हुए उपचुनावों में मिली हार के बाद अब एक बार फिर कांग्रेस में अंदरूनी खींचतान खुलकर सामने आ गई है. सोमवार को कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) ने कांग्रेस लीडरशिप पर सवाल उठाया. अब लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chaudhary) ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा है कि जिन नेताओं को लगता है कि कांग्रेस सही पार्टी नहीं है वे नई पार्टी बना लें या दूसरी पार्टी को ज्वाइन कर लें. विवाद की कड़ी में आज पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम का एक बयान और जुड़ गया. उन्होंने हार की समीक्षा करने की जरूरत बताई.
बिहार और हाल के उपचुनावों में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के बाद अब कांग्रेस के अंदर राजनीतिक कलह खुलकर सामने आ गई है. लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने एनडीटीवी से बातचीत में वरिष्ठ कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल के हाल के विवादित बयान पर नाराज़गी जताते हुए कहा ”जिन नेताओं को लगता है की कांग्रेस उनके लिए सही पार्टी नहीं है वे नई पार्टी बना सकते हैं. अगर वे चाहें तो किसी दूसरी पार्टी को ज्वाइन कर सकते हैं. कांग्रेस में रहकर इस तरह की लज्जाजनक बयानबाज़ी से पार्टी की विश्वसनीयता कमज़ोर होती है.”
लोक सभा में कांग्रेस दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा “कपिल सिब्बल पार्टी की स्थिति से नाखुश हैं. क्या वे बिहार या उत्तर प्रदेश गए थे चुनाव अभियान में? बिना ज़मीन पर पार्टी के लिए काम किए बगैर इस तरह के बयान देने का कोई मतलब नहीं है.”
सोमवार को एक अख़बार को दिए इंटरव्यू में पूर्व कानून मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा था कि जनता कांग्रेस को मजबूत विकल्प के तौर पर नहीं देख रही है. अब पूर्व वित्त मंत्री पि चिदंबरम ने दैनिक भास्कर अखबार को दिए इंटरव्यू में कहा है “मैं गुजरात, मध्यप्रदेश, यूपी और कर्नाटक के उपचुनावों के नतीजों से ज्यादा चिंतित हूं. ये नतीजे बताते हैं जमीनी स्तर पर या तो पार्टी का संगठन कहीं नहीं है, या कमजोर पड़ चुका है. बिहार में राजद-कांग्रेस के लिए जमीन उपजाऊ थी. हम जीत के इतने करीब होकर क्यों हारे, इसकी समीक्षा होनी चाहिए.”
अब इस तरह के बयानों पर पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने भी सवाल उठा दिया है. कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने कहा ” ये हर पार्टी में होता है कि कामयाबी पर कोई कुछ नहीं कहता है और नाकामी पर सब टिप्पणियां करने लगते हैं. हर पार्टी में ऐसा होता है. कांग्रेस कोई अपवाद नहीं है.”