छत्तीसगढ़ में भूख से गायों की मौत पर कांग्रेस का प्रदर्शन, गाय लेकर सीएम आवास में घुसने की कोशिश

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रायपुर: छत्तीसगढ़ में गायों की मौत के मामले में सियासत बढ़ गई है. बुधवार को प्रदेश कांग्रेस अपने साथ गायों को लेकर आई और प्रदर्शन शुरू कर दिया. सड़कों पर घूम रही गायों को मुख्यमंत्री निवास तक छोड़ने के ऐलान के बीच कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री रमन सिंह के निवास में घुसने की कोशिश की. कांग्रेस के विरोध की कमान थामी छत्तीसगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने, जो अपने साथ गाय को मुख्यमंत्री आवास तक ले जाना चाहते थे. उनके साथ उनके और सहयोगी भी थे, लेकिन पुलिस ने बैरिकेड लगाकर उन्हें रोक दिया. कुछ कांग्रेसी कार्यकर्ता घड़ी चौक के रास्ते से मुख्यमंत्री निवास की तरफ बढ़ने लगे, तो वहां भी पुलिस ने उन्हें रोक दिया. नेताजी तो बस में गए, लेकिन तख्ती पहने बिचारी गाय पुलिसवालों के हत्थे चढ़ गई. छत्तीसगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने कहा कि बीजेपी पहले गाय के नाम पर वोट मांगती थी, अब नोट छापती है. जोगी गुट के कांग्रेसी बाल्टी में गोबर लेकर, उसे मंत्रियों के घर पर लीपना चाहते थे, पर कामयाब नहीं हुए.

ये सारा विरोध बेमेतरा में हुई गायों की मौत पर था, जिसके खिलाफ कांग्रेस ने प्रदेशव्यापी प्रदर्शन छेड़ा है. वहीं मुख्यमंत्री रमन सिंह का कहना है कि कमियां और गलती हुई हैं, जिसकी वजह से गायों की मौत हुई. शगुन गौशाला के बारे में 2014 में लोक आयोग ने बताया था, जिनको कार्रवाई करनी थी, उन्होंने नहीं की, इसलिए उन पर कठोर कार्रवाई की गई और न्यायिक जांच बिठाई गई. रमन सिंह ने ये भी कहा कि कांग्रेस का प्रदर्शन समझ से परे है. इतिहास में आज तक इतनी बड़ी कार्रवाई नहीं की गई. राजनीति में प्रदर्शन का अधिकार है, कुछ है तो कांग्रेस को तीन मंत्रियों की कमेटी में सुझाव देना चाहिए था.

छत्तीसगढ़ सरकार ने गायों की मौत को लेकर न्यायिक जांच के आदेश जारी कर दिए हैं. रिटायर्ड जज एके सामंत रे इस मामले में न्यायिक जांच कमेटी के चेयरमैन होंगे. न्यायिक जांच तीन गौशालाओं में होगी- धमधा के राजपुर स्थित शगुन गौशाला, बेमेतरा के गोडर्मा की फूलचंद गौशाला और रानों गांव की मयूर गौशाला. कमेटी को 3 महीने में जांच पूरी कर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपनी है.