जर्मनी में दिए गए बयान पर राहुल गांधी के खिलाफ बिहार में परिवाद पत्र दायर

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नई दिल्ली: बिहार के मुजफ्फरपुर की एक अदालत में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ देश का अपमान करने के आरोप में आज एक परिवाद पत्र दायर किया गया. यह परिवाद उनके हाल में जर्मनी में दिए गए बयान को लेकर दायर किया गया है, जिसमें गांधी ने कहा था कि भीड़ द्वारा पीट-पीट कर हत्या करने की घटनाओं की वजह बेरोजगारी और हताशा है जो नोटबंदी और गलत तरीके से लागू किए गए जीएसटी के कारण पैदा हुई है. अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने कांग्रेस अध्यक्ष के इस बयान को देश का अपमान करने वाला बताते हुए उनके खिलाफ एक परिवाद पत्र दायर किया है. ओझा ने परिवाद पत्र मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी हरि प्रसाद की अदालत में भादवि की धारा 153 बी, 500 और 504 के तहत दायर किया है.

अदालत ने इस मामले की सुनवाई की तारीख आगामी चार सितंबर को निर्धारित की है. वकील ने आरोप लगाया है कि गांधी का उद्देश्य ऐसा बयान देकर देश का अपमान करना था और इससे यहां की जनता अपमानित हुई है. उन्होंने आरोप लगाया कि गांधी ने ऐसा बयान जानबूझकर देश में उन्माद फैलाने के उद्देश्य दिया था. गौरतलब है कि राहुल गांधी ने अपने जर्मनी दौरे में कहा था कि कांग्रेस भाजपा और आरएसएस के लोग देश को बांटने और नफरत फैलाने का काम कर रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा था कि कांग्रेस भारत के लोगों को जोड़ने का काम करती है.

वह गुरुवार की रात जर्मनी की राजधानी बर्लिन में भारतीय प्रवासियों को संबोधित कर रहे थे. इसका आयोजन ‘इंडियन ओवरसीज कांग्रेस’ ने किया था. उन्होंने नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि लंबे भाषण दिए जा रहे हैं और नफरत पैदा की जा रही हैं, लेकिन किसान लगातार आत्महत्या कर रहे हैं और नौजवान अपने लिए बेहतर भविष्य नहीं देख पा रहे हैं. राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस का मतलब हिेंदुस्तान के लोगों को आपस में जोड़ना है. यह सोच आप सभी लोगों में है. अगर आपके अंदर यह सोच नहीं होती तो आप जर्मनी में आकर सफलता कभी हासिल नहीं कर सकते थे (इनपुट भाषा से)