जानें बिहार में अब भाजपा के मंत्री क्यों बैठेंगे पार्टी के दफ्तर में…

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पटना: बिहार में भाजपा के मंत्री अब पार्टी कार्यालय में ‘कार्यकर्ता दरबार’ में हाजिरी लगाएंगे. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने पार्टी के सभी मंत्रियों को ये आदेश दिया है. हालांकि ये फैसला नया नहीं है, लेकिन सत्ता में आने के बाद अभी तक मंत्री कार्यकर्ता दरबार में हाजिर होने से बचते थे. बिहार भाजपा के अध्यक्ष नित्यानंद राय ने बताया कि ये फैसला पिछले दिनों पहले दिल्ली में पार्टी की कोर कमिटी की बैठक में लिया गया था, जहां पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने स्पष्ट रूप से कहा था कि मंत्रियों को कार्यकर्ताओं को सुननी होगी. कार्यकर्ताओं और सरकार से बाहर के नेताओं को मंत्रियों से काम कराने के लिए चक्कर ना लगाना पड़े, इसके लिए ये आदेश दिया गया है.

मंत्रियों का मानना है कि ये परंपरा पहले से भी चली आ रही थी, लेकिन इस बार समय और दिन का चयन अब तक नहीं हो पाया था. बिहार में भाजपा की सत्ता में वापसी के तीन महीने के बाद कार्यकर्ताओं को उम्मीद जगी है कि मंत्रियों के पास पहुंचना अब उनके लिए आसान हो जाएगा.

वहीं कुछ पुराने वरिष्ठ मंत्री मानते हैं कि कार्यकर्ताओं के सामने पेश हो जाने से उनकी मन की बात तो आप सुन लेते हैं, लेकिन उनकी दिली इच्छा होती है कि कैसे किसी ना किसी बोर्ड-निगम में उनका मनोनयन हो जाए. ये माग पूरी करना उनके वश की बात नहीं. ऐसे में ये ‘कार्यकर्ता दरबार’ बायोडाटा जमा करने का एक केंद्र बन जाता है.

राज्य सरकार ने पिछले दिनों राज्य महिला आयोग का गठन किया, जिसकी अध्यक्ष भाजपा की पूर्व विधायक दिलमनी देवी को बनाया गया. इस आयोग में भाजपा की कई महिला नेताओं को जगह मिली है. पार्टी का मानना है कि असल कोशिश ये है कि कार्यकर्ताओं को कहीं से ये ना लगे कि सरकार बनने के बाद अब उनकी उपेक्षा हो रही है.