जामिया गोलीकांड: पुलिस का अमानवीय चेहरा, घायल छात्र को बैरिकेड में घुसने नहीं दिया

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नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में गुरुवार को दिल्ली की जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी से राजघाट तक मार्च के दौरान एक शख्स ने भीड़ पर फायरिंग की. इस फायरिंग में एक छात्र घायल हो गया. घायल छात्र को एम्स ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया है. इस घटना में पुलिस का एक अमानवीय चेहरा सामने आया है. जिस वक्त यह घटना हुई, वहां सैकड़ों की संख्या में पुलिसकर्मी मौजूद थे लेकिन मदद में कोई आगे नहीं आया. बाद में घायल छात्र को बैरिकेड फांद कर उस पार जाना पड़ा. इस काम में भी उसके दोस्तों ने ही मदद की. घायल छात्र का नाम शादाब है.

इस घटना के बाद शादाब की दोस्त आमना ने मीडिया से कहा, “हम लोग पुलिस से मदद मांग रहे थे लेकिन हमें कोई मदद नहीं मिली. यहां तक कि शादाब को बैरिकेड फांद कर होली फैमिली अस्पताल में जाना पड़ा. उसके बाएं हाथ में जख्म है. उसके हाथ में गोली लगी है”. शादाब के एक और दोस्त मिलन ने कहा, “शादाब को हाथ में गोली मारी गई. एक गोली उसके शरीर में फंसी है. अस्पताल में उसका सीटी स्कैन कराया गया है”.

shadab1_013020044631.jpgबैरिकेड फांदता शादाब

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पुलिस हमलावर के दावे की जांच कर रही है. घायल छात्र की पहचान शादाब के तौर पर हुई है. वह जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी में मास कम्युनिकेशन का छात्र है.

इस घटना के बारे में साउथ ईस्ट जिले (दिल्ली) के डीसीप चिनमॉय बिस्वाल ने कहा, छात्र (शादाब फारूक) को बाएं हाथ में गोली लगी है. उसे अस्पताल से ट्रॉमा सेंटर भेजा गया है. डॉक्टरों का कहना है कि वह खतरे से बाहर है. हिरासत में लिए गए हमलावर (गोपाल) से पूछताछ चल रही है.

दरअसल, गुरुवार को नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर के विरोध में दिल्ली की जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी से राजघाट तक मार्च निकाला जा रहा था. हालांकि इस मार्च को पुलिस ने इजाजत नहीं थी. लिहाजा पुलिस मार्च को रोकने के लिए पहले ही होली फैमिली अस्पताल के पास भारी संख्या में मौजूद थी. पुलिस अधिकारी मार्च निकाल रहे लोगों से बात कर रही थी. तभी एक युवक भीड़ के बीच से निकल कर सामने आया और नारेबाजी करते हुए फायरिंग कर दी.