नई दिल्ली: कृषि और सेवा क्षेत्र में बेहतर हुई परफॉर्मेंस के बाद भारत के दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था के तौर पर बने रहने की संभावनाएं और बलवती हो गई हैं. रॉयटर्स के अर्थशास्त्रियों को लेकर किए गए एक पोल में यह कहा गया. आज शाम 05:30 बजे जीडीपी आंकड़े पेश किए जाएंगे.
देश की आर्थिक वृद्धि दर 2015-16 और 2016-17 के लिए नयी आईआईपी और जीडीपी सीरीज के कारण संशोधित कर क्रमश: 8.3 फीसद और 7.6 फीसद किये जाने की संभावना जताई जा रही है. एसबीआई की शोध रिपोर्ट इकोरैप के अनुसार जीडीपी आंकड़ों को लेकर उम्मीद है कि यह बेहतर होंगे. नयी आईआईपी और डब्ल्यूपीआई श्रृंखला का 2013-14 से सभी जीडीपी आंकड़े पर असर होगा.
एसबीआई के आर्थिक शोध विभाग के मुख वित्तीय सलाहाकार सौम्या कांति घोष की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रचुर तरलता और निम्न मुद्रास्फीति के साथ अच्छा जीडीपी आंकडा आने वाला है लेकिन इससे आरबीआई मौद्रिक प्रबंधन का काम मुश्किल हो जाएगा.
इकोरैप रिपोर्ट में कहा गया है, ‘हम आशा करते हैं कि नयी आईआईपी और जीडीपी श्रृंखला के कारण 2013-14 की जीडीपी वृद्धि दर 6.5 फीसद से संशोधित कर 7.3 फीसद जबकि 2015-16 की जीडीपी वृद्धि दर 7.9 फीसद से संशोधित कर 8.3 फीसद की जाएगी. वित्त वर्ष 2016-17 की जीडीपी वृद्धि दर 7.1 फीसदी से संशोधित कर 7.6 फीसद किये जाने की संभावना है.’ रिपोर्ट के अनुसार 19 मई, 2017 तक नये नोट डालने का काम 80 फीसदी पूरा हो चुका है.इसमें कहा गया है, ‘हमारा यह भी अनुमान है कि आठ नवंबर, 2016 और 12 मई, 2017 के बीच जो अतिरिक्त सात लाख करोड़ रुपये व्यवस्था में आए उनका 65 फीसदी हिस्सा अब भी इधर-उधर घूम रहा है.’