सपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे गायत्री प्रजापति की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। गायत्री पर उनकी कम्पनी के पूर्व डायरेक्टर बृजभवन चौबे ने आरोप लगाया है कि उसकी करोड़ों की सम्पत्ति जबरन रेप पीड़िता के नाम करवा दी गई। इससे मना करने पर उसकी पत्नी व बेटे का अपहरण करने की धमकी दी गई। रेप पीड़िता को अपने पक्ष में करने के लिये यह सब करने वाले गायत्री ने मामला खत्म होने पर उसकी सम्पत्ति की कीमत लौटाने को कहा था पर बाद में मुकर गया।
बृजभवन ने इस मामले में गुरुवार को गायत्री के बेटे अनिल प्रजापति व रेप पीड़िता को भी नामजद करते हुए अपहरण करने की धमकी और धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया है। गायत्री प्रजापति को कुछ समय पहले ही हाईकोर्ट से रेप पीड़िता के मामले में जमानत मिली थी। पर, केजीएमयू में भर्ती रहने के दौरान ही उन्हें गाजीपुर थाने में दर्ज कराये गए दूसरे मामले में न्यायिक अभिरक्षा में ले लिया गया था। गाजीपुर थाने में उनके खिलाफ 10 सितम्बर को एफआईआर रेप पीड़िता के पूर्व वकील दिनेश चन्द्र त्रिपाठी ने लिखायी थी। गोमतीनगर विस्तार के इंस्पेक्टर अखिलेश पाण्डेय के मुताबिक खरगापुर निवासी बृजभवन ने आरोप लगाया है कि रेप पीड़िता से सुलह कर अपने खिलाफ लिखाये रेप के मुकदमे को खत्म करने के लिये गायत्री ने उससे डील की थी। इसके तहत ही पीड़िता को 19 जुलाई, 2018 को 45 लाख और एक अगस्त को 48 लाख रुपये की सम्पत्ति का बैनामा कर दिया गया।
सम्पत्ति देने से मना करने पर धमकाया
बृजभवन ने आरोप लगाया कि उनकी करीब 90 लाख रुपये की सम्पत्ति खरगापुर में थी। बैनामा होने के बाद ही रेप पीड़िता ने जब गायत्री से और सम्पत्ति की मांग कर दी। इस पर गायत्री ने मुझसे अपनी जमीन रेप पीड़िता के नाम करने को कहा। मना करने पर गायत्री व उनके बेटे अनिल ने उसे पत्नी व बेटे को अगवा कर मार डालने की धमकी दी। इस पर वह डर गया और गायत्री के इस आश्वासन पर विश्वास कर लिया कि मुकदमा खत्म होते ही उसे 90 लाख रुपये दे दिये जायेंगे। उसने चार अगस्त, 2018 को उसकी सम्पत्ति रेप पीड़िता के नाम करा दी गई। पर, रेप पीड़िता से समझौता होने के बाद उसे रुपये नहीं दिये गए।