भारत ने रूस और पौलेंड की पछाड़ते हुए अर्मेनिया के साथ रक्षा सौदा किया है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस करार के जरिए भारत रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित और भारत इलेक्ट्रोनिक्स लिमिटेड (BEL) द्वारा निर्मित 40 मिलियन डॉलर का हथियार अर्मेनिया को बेचेगा। इसकी निर्यात शुरू भी हो गई है।
इसमें ‘स्वाती वेपन लोकेटिंग रडार’ सिस्टम शामिल है। इन हथियारों का निर्माण ‘मेक इन इंडिया’ के तहत किया गया है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, इसके लिए अर्मेनिया को रूस और पौलेंड ने भी ऑफर किया था। दोनों देशों ने ट्रॉयल का भी आयोजन किया, लेकिन अर्मेनिया ने भारत द्वारा बनाए गए सिस्टम पर भरोसा जाताया और डील फाइनल हुई।
India beats Russia, Poland to bag $40 million defence deal in Europe
Read @ANI story | https://t.co/mpH7sB8yGa pic.twitter.com/YKaXFHOxJd
— ANI Digital (@ani_digital) March 1, 2020
अर्मेनिया ने चार ‘स्वाती वेपन लोकेटिंग रडार’ सिस्टम के लिए भारत के साथ करार किया है। यह रडार 50 किलोमीटर की सीमा में दुश्मन के हथियारों, मोर्टार और रॉकेट की सटीक जगह की जानकारी देगा। रडार एक साथ विभिन्न स्थानों पर अलग-अलग हथियारों से दागे गए कई प्रोजेक्टाइल को पता लगा सकता है।
भारतीय सेना जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर इसी रडार का उपयोग कर रही है। सेना को 2018 में ट्रायल के लिए यह सिस्टम दिया गया था। अधिकारियों ने कहा कि इन हथियारों का निर्यात भारत को अपनी स्वदेशी प्रणालियों की बिक्री के लिए एक नया बाजार खोलने में मदद करेगा, जो कि उसके यूरोपीय और अन्य प्रतिद्वंद्वियों की तुलना में सस्ता है।
रक्षा मंत्रालय सूत्र ने यह भी बताया कि अब रक्षा निर्यात को बढ़ावा देने के लिए दक्षिण-पूर्व एशिया, दक्षिण अमेरिका और मध्य-पूर्व देशों पर नजर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 35,000 करोड़ रुपए का लक्ष्य रखा गया है।