नई दिल्ली:
तीन नाबालिग बच्चियों के साथ रेप और उसके बाद की गई हत्या के आरोप में तेलंगाना के कोर्ट ने आरोपी को फांसी की सजा सुनाई है. घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने आरोपी की पहचान की थी और बाद मे उसे गिरफ्तार किया गया था. पुलिस इस मामले की जांच में जुटी है ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या इससे पहले भी आरोपी ने किसी बच्ची के साथ रेप की घटना की थी. बता दें कि इस तरह का यह कोई पहला मामला नहीं है. कुछ समय पहले ही भोपाल की विशेष अदालत ने छह वर्षीय बच्ची के साथ बलात्कार (Rape with Minor Girl) और उसकी निर्मम हत्या करने के आरोप में 42 वर्षीय युवक को फांसी की सजा सुनाई थी. पुलिस के अनुसार आरोपी युवक पीड़िता का पिता था.
A 28-year old man awarded death sentence by a Telangana court for rape and murder of three minor girls
— Press Trust of India (@PTI_News) February 6, 2020
पुलिस की जांच में पता चला था कि आरोपी युवक को अपनी पत्नी के चरित्र पर शक था, इसलिए उसने इस घटना को अंजाम दिया. विशेष न्यायाधीश (पास्को एक्ट) कुमुदिनी पटेल ने सोमवार को दिए फैसले में अभियुक्त अफजल खान को अपनी छह वर्षीय बेटी से रेप (Rape with Minor Girl) और निर्मम हत्या के मामले में दोषी करार देते हुए फांसी (Rape with Minor Girl) की सजा दी थी. विशेष लोक अभियोजक टी. पी. गौतम ने बताया कि 15 मार्च 2017 की रात को हमीदिया अस्पताल से पुलिस (MP Police) थाना कोहेफिजा को छह वर्षीय बालिका की संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु की सूचना प्राप्त हुई थी. उन्होंने बताया कि जांच में अभियुक्त अफजल द्वारा ही लगभग तीन-चार माह पूर्व से बच्ची के साथ अप्राकृतिक कृत्य एवं बलात्कार (Rape with Minor Girl) किए जाने की पुष्टि हुई.
अफजल द्वारा मृतका के साथ कुकृत्य करने का कारण यह सामने आया की उसे अपनी पत्नी के चरित्र पर शक था. गौतम ने बताया कि इस शक के चलते वह बच्ची से नफरत करने लगा और पत्नी से नाराजगी के चलते उसने योजना बनाकर बच्ची के गले में दुपट्टे से फंदा लगाकर उसकी हत्या कर दी थी. गौतम ने बताया कि अभियोजन द्वारा प्रस्तुत किए गए साक्ष्य पर न्यायालय ने भरोसा करते हुए अभियुक्त का कृत्य विरल से विरलतम मानकर उसे मृत्युदंड की सजा सुनाई. अभियोजन महानिदेशक राजेन्द्र कुमार ने बताया कि 2018 में इस तरह के अपराधों में प्रदेश में मृत्युदंड का यह 21वां मामला है. इनमें से 19 मामले लैंगिक अपराधों से संबंधित हैं.
गौरतलब है कि इससे पहले करीब तीन महीने पहले तीन साल की मासूम बच्ची को अपनी हवश का शिकार बनाने वाले 19 वर्षीय एक युवक को स्थानीय अदालत ने मृत्युदंड की सजा सुनाई थी. छतरपुर न्यायालय की चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश नोरिन निगम की अदालत ने तीन साल की बच्ची के साथ बलात्कार करने के मामले में तोहीद मुसलमान को दोषी ठहराते हुये मृत्युदंड की सजा सुनाई थी. उन्होंने कहा कि अदालत ने तोहीद को भादंवि की धारा 376 (क) एवं (ख) में मृत्युदंड की सजा सुनाई थी. इसके अलावा, अदालत ने उसे भादंवि की धारा 450 (अपजीवन कारावास से दंडनीय अपराध को करने के लिए गृह-अतिचार) में 10 वर्ष की सश्रम कारावास से एवं 2,000 रूपये के अर्थदंड से दंडित भी किया था.
चतुर्वेदी ने बताया कि 24 अप्रैल 2018 की रात करीब साढ़े दस बजे तोहीद ने इस बच्ची के साथ उसके घर में घुसकर उस वक्त दुष्कर्म किया था, जब वह घर में अकेली सो रही थी. बच्ची की मां घर के बाहर थी. इसी बीच, बच्ची की रोने की आवाज सुनकर पीड़िता की मां अचानक घर में गई और उसने उसे दुष्कर्म करते देख लिया था. बाद में मां ने चिल्लाकर मोहल्ले के लोगों को बुलाया और आरोपी को पकड़कर पुलिस के हवाले किया था.