दक्षिण कोरिया के नए राष्ट्रपति मून जे इन ने चुनाव में मिली भारी जीत के एक दिन बाद आज शपथ ग्रहण की. शपथ लेने के ठीक बाद उन्होंने परमाणु हथियारों को लेकर चल रही उत्तर कोरिया के साथ तनावपूर्ण संबंधों के बीच प्योंगयांग जाने की इच्छा जताई.
उदारवादी विचारधारा वाले मून पहले मानवाधिकार क्षेत्र के वकील थे. हाल के हफ्तों में ट्रंप प्रशासन के धमकी भरे रवैये के बावजूद मून अमन की खातिर प्योंगयांग के साथ संबंध रखने के समर्थक हैं.
सिओल के नेशनल असेंबली भवन में शपथ ग्रहण के बाद मून ने सांसदों से कहा,’जरूरत पड़ी तो मैं तत्काल वॉशिंगटन के लिए रवाना हो जाउंगा.मैं बीजिंग और टोक्यो और उचित परिस्थितियों में यहां तक कि प्योंगयांग भी जाउंगा.उत्तर कोरिया से संपर्क साधने का कूटनीतिक रास्ता मून के लिए मुश्किल भरा रहने वाला है. उनके सामने कई घरेलू चुनौतियां भी हैं.
मून ने कहा,मैं सबका राष्ट्रपति बनूंगा. उनकी भी सेवा करूंगा जिन्होंने मेरा समर्थन नहीं किया.
उदारवादी मून जे-इन बने दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति, उत्तर कोरिया से वार्ता के पक्षधर
राष्ट्रीय चुनाव में मून को मतदाताओं का समर्थन
राष्ट्रीय चुनाव आयोग के अनुसार मतदाताओं ने डेमोक्रेटिक पार्टी के मून को 42.2 प्रतिशत मत का समर्थन दिया. जबकि मून के प्रतिद्वंद्वी होंग जून-प्यो को महज 25.2 प्रतिशत मत मिले और आह्न चेओल-सू को 21.5 प्रतिशत मत मिले. होंग ने मून को ‘उत्तर कोरिया समर्थक वामपंथी’ कहा था. वाशिंगटन से एक रिपोर्ट के मुताबिक व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव सीन स्पाइसर ने मून को जीत के लिए मुबारकबाद दी.
उल्लेखनीय है कि मून की जीत से उत्तर कोरिया के प्रति अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कठोर रूख को जटिलता का सामना करना पड़ सकता है.