बीजिंग: दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के मंच पर पीएम मोदी के भाषण की चारों ओर चर्चा हो रही है. पीएम नरेंद्र मोदी ने दावोस में ऐसा भाषण दिया कि पड़ोसी देश चीन भी उनके भाषण का मुरीद हो गया है. चीन ने संरक्षणवाद के खिलाफ पीएम मोदी के भाषण का स्वागत किया है. चीन ने कहा कि हम दो देश ऐसे प्रयासों के खिलाफ साथ मिलकर काम कर सकते हैं. बीजिंग ने यह भी कहा कि दोनों देश वैश्वीकरण को बढ़ावा देने और विश्व अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए समान हित में हिस्सा लेते हैं. इसके साथ ही चीन ने वैश्वीकरण की प्रक्रिया को मजबूत करने के लिए भारत के साथ सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया है.
बता दें कि पीएम मोदी ने वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के वार्षिक बैठक के दौरान दावोस में मंगलवार को संरक्षणवाद की तुलना आंतकवाद से की थी और इशारों-इशारों में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर की नीति ‘अमेरिका फर्स्ट’ को लेकर उन पर हमला किया था.
पीएम मोदी ने कहा था कि कई देश आत्मकेंद्रीत हो गये हैं, जिसकी वजह से वैश्वीकरण सिकुड़ रहा है और ऐसी प्रवृत्तियों को आतंकवाद या जलवायु परिवर्तन जैसे खतरनाक चुनौतियों से कम जोखिम नहीं माना जा सकता है.
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा कि हमने संरक्षणवाद के खिलाफ पीएम मोदी के भाषण पर गौर किया और उनका भाषण ये बताता है कि वैश्वीकरण आज की जरूरत है. यह विकासशील देशों सहित अन्य देशों के हितों को साधता है.
उन्होंने कहा कि संरक्षणवाद के खिलाफ और वैश्विकरण को बढ़ावा देने के लिए चीन और भारत में बहुस सारे साझा हित हैं. चुनयिंग ने चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के पिछले साल के भाषण को याद करते हुए कहा कि चीनी राष्ट्रपति भी संरक्षणवाद के खिलाफ अपनी आवाज उठा चुके हैं.
उन्होंने कहा कि चीन वैश्वीकरण की प्रकिया को और मजबूत करने के लिए भारत और अन्य देशों के साथ काम करना चाहता है.