दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 () से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। कांग्रेस विधायक मटियामहल से पांच बार विधायक रह चुके शोएब इकबाल ने गुरुवार को आम आदमी पार्टी का दामन थाम लिया है। उनके बेटे और कांग्रेस पार्षद आले इकबाल ने भी ‘आप’ की सदस्यता ली है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मौजूदगी में शोएब इकबाल ने अपनी पूरी टीम के साथ आप की सदस्यता ली।
इस मौके पर शोएब इकबाल ने कहा कि ‘आप’ सरकार के कामकाज से वह बेहद प्रभावित हैं। शोएब इकबाल के अचानक कांग्रेस छोड़कर आम आदमी पार्टी में जाने से कांग्रेस को बड़ा नुकसान माना जा रहा है। क्योंकि, सीएए एनआरसी के विरोध में मुस्लिम चेहरे के रूप में शोएब और कांग्रेस पार्षद बेटे आले इकबाल ने बड़ी भूमिका निभाई थी। माना जा रहा था कि पुरानी दिल्ली की सीटों पर कांग्रेस को फायदा होगा। मगर, शोएब के जाने के बाद कांग्रेस को झटका लगा है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी शोएब के ‘आप’ में शामिल होने का स्वागत किया है।
Former MLA and Dy Speaker of Delhi Vidhan Sabha Shoaib Iqbal, MCD Councillors from INC Aley Mohammed Iqbal and Sultana Abad joined Aam Aadmi Party today in the presence of CM @ArvindKejriwal pic.twitter.com/AZ3fehsqH9
— AAP (@AamAadmiParty) January 9, 2020
कौन हैं शोएब इकबाल
शोएब इकबाल छात्र जीवन से राजनीति में सक्रिय हैं। वह जाकिर हुसैन कॉलेज छात्र संघ में सचिव थे। शोएब इकबाल ने पहला विधानसभा चुनाव 1993 में जनता दल के टिकट पर लड़ा। बाद में वह जद (यू) में शामिल हो गए और पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चा का नेतृत्व किया। वह मटिया महल विधानसभा सीट से पांच बार चुनाव जीते। वह 2003 से 2008 तक विधानसभा के उपाध्यक्ष के रूप में भी काम कर चुके हैं। 2015 के विधानसभा चुनाव में उन्हें ‘आप’ के असीम अहमद खान ने हराया था। अभी वह कांग्रेस में थे।
टिकट कटने के डर से ‘आप’ में गए : कांग्रेस
पूर्व विधायक शोएब इकबाल के आम आदमी पार्टी में शामिल होने पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। मुख्य प्रवक्ता मुकेश शर्मा ने आरोप लगाया है कि टिकट कटने के डर से वे ‘आप’ में शामिल हुए हैं। शर्मा ने कहा कि चंद घंटे पहले तक ‘आप’ को कोसने वाले शोएब इकबाल ने टिकट कटने के अंदेशे से पार्टी छोड़ी है। हालांकि, इसका असर चुनावी नतीजों पर पड़ने से उन्होंने इनकार किया।