दिल्ली में कोरोना का ‘विस्फोट’ : 31 हजार के पार पहुंचा आंकड़ा, 1,366 नए मरीज मिले

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राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस अब विस्फोटक रूप लेता जा रहा है। दिल्ली में मंगलवार को कोविड-19 के 1,366 नए मामले सामने आने के बाद यहां कुल संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 31,309 हो गई है और 905 लोग इस बीमारी की चपेट में आकर अपनी जान गंवा चुकी है।

दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी एक स्वास्थ्य बुलेटिन के अनुसार मंगलवार को 1,366 नए मामले सामने आए। अब भी 18,543 लोगों का इलाज चल रहा है जबकि 11,861 मरीज या तो स्वस्थ हो गए या उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई या वे कहीं और चले गए हैं। मंगलवार को कोई स्वास्थ्य बुलेटिन जारी नहीं किया गया था।

दिल्ली सरकार की मानें तो आने वाले दिनों में कोरोना संक्रमण के मामले में देश की राजधानी की स्थिति बद से बदतर होने वाली है। दिल्ली सरकार ने दबी जुबान में यह कहना शुरू कर दिया है कि यहां कम्युनिटी स्प्रेड के हालात पैदा हो गए हैं। मंगलवार को उपराज्यपाल अनिल बैजल के साथ मीटिंग के बाद दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि 30 जून तक दिल्ली में एक लाख, 15 जुलाई तक 2 लाख और 31 जुलाई तक साढ़े 5 लाख कोरोना संक्रमण के मामले होंगे। उन्होंने कहा कि यही हालात रहे तो 31 जुलाई तक हमें दिल्ली के अस्पतालों में 80 हजार बेडों की जरूरत होगी। 

डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने बैठक के बाद कहा कि दिल्ली में 31 जुलाई तक साढ़े पांच लाख कोविड-19 के मामले होंगे। ऐसे में हमें तक 80 हजार बेड्स की जरूरत पड़ेगी।

मीटिंग में सिसोदिया के साथ दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन भी मौजूद थे। उन्होंने बाहर मीडिया से बात करते हुए कहा कि कल एम्स के डायरेक्टर ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी कंटेनमेंट जोन में कम्युनियी स्प्रेड होना शुरू हो गया है, लेकिन यह तकनीकी फैसला है और इसे घोषित करने का आधिकार केंद्र सरकार के पास है। मनीष सिसोदिया ने कहा कि एलजी के साथ मीटिंग में मौजूद केंद्र सरकार के अधिकारियों ने यह मानने से इनकार कर दिया कि दिल्ली में कम्युनिटी स्प्रेड शुरू हुआ है।

उन्होंने कहा कि अभी तक लॉकडाउन चल रहा था और जो दिल्ली में रह रहा था, वही अस्पताल जा पा रहा था। इसी वजह से दिल्ली कैबिनेट ने फैसला लिया था कि जब तक कोरोना संकट है, तब तक अस्पतालों को दिल्ली के लोगों के लिए ही रखा जाए, लेकिन एलजी ने फैसले को पलट दिया। 

सिसोदिया ने कहा कि मैंने एलजी से पूछा कि कितने बेड की जरूरत होगी, जब पूरे देश से दिल्ली में कोरोना के केस आएंगे। इसका उनके पास कोई जवाब नहीं था। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में तीस जून तक 15 हजार बेड की जरूरत होगी और 15 जुलाई तक 33 हजार और 31 जुलाई तक 80 हजार बेड की जरूरत होगी। सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली की कैबिनेट ने यहां के अस्पतालों को दिल्लीवालों के लिए रिजर्व करने का फैसला किया था, लेकिन एलजी के फैसले को पलटने की वजह से संकट पैदा हो गया है।