देश मे बढ़ रही साम्प्रदायिकता एवं अराजकता पर लगाम लगाने के लिए मिल्ली संस्थानों के साथ साथ मुस्लिम युवाओं को भी चिंतित होने चाहये ये बातें बिहार मुस्लिम युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मो०उबैदुल्लाह ने देश की मौजूदा स्थिती को देखते हुए कही।उन्हों ने कहा कि देश की परिस्थिति से मुस्लिम समुदाय काफी परेशान है परंतु मेरा कहना है कि हालात से परेशान होने के बजाए उस से मुकाबला करना चाहए क्योंकि ये भारतिय मुसलमानो के लिए कठिन परीक्षा की घड़ी है इस समय मुस्लिम समुदाय को सहनशक्ति का भरपूर प्रदर्शन करना चाहए।उन्हों ने कहा कि ऐसे समय मे ही आंदोलन जन्म लेती है और लीडरशिप पैदा होती है इस समय भारतीय मुसलमानों के पास 2 रास्ते हैं 1 रास्ता ये है कि समुदाय खुद को राजनीति से अलग करले दूसरा रास्ता ये है कि अपने अंदर राजनीतिक शक्ति पैदा करें उन्हों ने कहा कि हमने दलित मुस्लिम और पिछड़े समुदाय को 1 प्लेट फॉर्म पर लाने के लिए जन आंदोलन शुरू किया है ताकि साम्प्रदायिकता ताक़तों के बढ़ते क़दम को रोका है सके उन्हों ने कहा कि अगर दलित मुस्लिम और पिछड़े 1 प्लेट फॉर्म पर आ जाये तो ये देश की जनसंख्या का 48% होते हैं और ये देश की बड़ी ताकत बन सकते हैं । हमें ये संदेश देना है कि हम ताबेदार नही बल्कि हिस्सेदार हैं बिहार मुस्लिम युवा मोर्चा दलित मुस्लिम इत्तेहाद को मजबूत करने के लिए भर पुर कोशिश करेगी और इस पर बहुत तेज़ी से काम चल रहा है और बड़ी संख्यां में लोग जुड़ भी रहे हैं इस आंदोलन को फैलाने के लिए बहुत जल्द 1 बड़ी कॉन्फ्रेंस की तैयारी भी की जा रही है जिसमें दलित नेतृत्व ,मुस्लिम नेतृत्व और पिछड़े नेतृत्व को आमंत्रित क्या जाएगा ।